Dhwaj Temple Pithoragarh Uttarakhand

ध्वज मंदिर : जहाँ भगवान शिव माँ जयंती के साथ साक्षात विराजमान हैं।

Dhwaj Temple Pithoragarh Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर सतगढ़ नामक जगह से लगभग 4 किमी दूर एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है ध्वज मंदिर। घने जंगलों के बीच स्थित यह मंदिर भगवान शिव और मां जयंती को समर्पित है। ध्वज मंदिर पूरे सोर घाटी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह पवित्र जगह लोगों की असीम आस्था व गहरे विश्वास से जुडी हुई हैं। मुख्य मंदिर से लगभग 200 फुट नीचे भगवान शिव का एक गुफा मंदिर भी है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं। समुद्र तल से लगभग 2,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर से बर्फ से ढकी हिमालयी चोटियों , घाटियों का बहुत सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यह स्थान हिम तेन्दुओं , काले हिमालयी भालू के अलावा अनेक वन्य जीवों का घर भी है।

अटूट आस्था व विश्वास का केंद्र है ध्वज मंदिर

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ध्वज मंदिर आने का सही समय (Best Time To Visit In Jhulaghat)

ध्यान में रखने योग्य बातें

कैसे पहुँचें ध्वज मंदिर ( How To Reach Jhulaghat)

ध्वज मंदिर , पिथौरागढ़ से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और दिल्ली से पिथौरागढ़ की दूरी 475 किलोमीटर है। इसीलिए पिथौरागढ़ आने वाले ज्यादातर पर्यटक ध्वज मंदिर तक पहुंचते हैं।
पंतनगर हवाई अड्डे (एकमात्र हवाई अड्डा) से पिथौरागढ़ सड़क मार्ग से 233 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंतनगर से By Road आप पिथौरागढ़ तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
पिथौरागढ़ से निकटतम दो रेलवे स्टेशन , टनकपुर और हल्द्वानी -काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से पिथौरागढ़ लगभग 183 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और टनकपुर से 147 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप इन दोनों जगहों से By Road पिथौरागढ़ तक पहुंच सकते हैं । रेलवे स्टेशन पर प्राइवेट वाहन हमेशा उपलब्ध रहते हैं।
Haldwani से Pithoragarh तक हेलीकाप्टर सेवा भी उपलब्ध है। लेकिन इसमें एक बार में केवल 6 व्यक्ति ही जा सकते है। अगर आप इस सेवा का लाभ लेना चाहते हैं तो इसकी Advance में Booking कर लीजिए। हेलीकाप्टर प्रतिदिन दो बार Haldwani से Pithoragarh तक जाता है

कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)

क्यों आए ध्वज मंदिर

भगवान शिव और मां जयंती का आशीर्वाद लीजिए।
भगवान शिव और मां जयंती के चरणों में सुकून से बैठिये।
प्रकृति की अद्भुत – कलाकृतियों को नजदीक से देखिये ।
ठंडी हवा , पानी , प्रकृति व पहाड़ों का आनंद लीजिए ।
जंगल की बीचो -बीच बैठ कर शांति व सुकून महसूस कीजिए।

मौसम (Weather)

किसके साथ आए ।

परिवार के साथ आ सकते हैं
नव दम्पत्ति आ सकते हैं ।
दोस्तों के साथ
अकेले भी आ सकते हैं शांति व सुकून के कुछ पल बिताने के लिए।

बोली जाने वाली भाषा (Language )

हिंदी
अंग्रेजी
कुमाऊँनी

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