Gangolihat Pithoragarh Uttarakhand

प्राचीन मंदिरों और प्राकृतिक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है गंगोलीहाट

Gangolihat Pithoragarh Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एक हिमालयी पहाड़ी शहर गंगोलीहाट जो सिद्धपीठ हाट कलिका मंदिर व पताल भुवनेश्वर गुफा के लिये प्रसिद्ध है। गंगोलीहाट मुख्य रूप से प्राचीन मंदिरों और प्राकृतिक गुफाओं के लिए जाना जाता है जिनमें पूर्व में “हाट कालिका” , उत्तर में “अंबिका देवाल” , पश्चिम में “चामुंडा मंदिर और वैष्णवी मंदिर” स्थित हैं। शैल पर्वत पर स्थित “वैष्णवी मंदिर” से हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं को साफ़ देखा जा सकता है। यहाँ कई प्राकृतिक गुफायें जैसे पाताल भुवनेश्वर , शैलेश्वर , मुक्तेश्वर , सप्तेश्वर और हाल ही में मिली भोलेश्‍वर गुफा मौजूद है। माना जाता है कि पाताल भुवनेश्वर गुफा में 33 कोटि देवी-देवताओं का निवास है। यहाँ से पंचचूली व नंदा देवी पर्वत श्रृंखलायें साफ़ दिखाई देती हैं।

प्राचीन मंदिर और गुफाओं के लिए प्रसिद्ध हैं गंगोलीहाट

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क्या करें ?

गंगोलीहाट आने का सही समय (Best Time To Visit In Gangolihat)

ध्यान में रखने योग्य बातें

कैसे पहुँचें गंगोलीहाट ( How To Reach Gangolihat)

गंगोलीहाट से पिथौरागढ़ 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और दिल्ली से गंगोलीहाट 495 किलोमीटर दूर है ।
पंतनगर हवाई अड्डे (एकमात्र हवाई अड्डा) से गंगोलीहाट सड़क मार्ग से 258 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंतनगर से By Road आप गंगोलीहाट तक अपने वाहन या किसी भी प्राइवेट वाहन या बस से आसानी से पहुंच सकते हैं।
Nearest Railway Station Is Tanakpur And Kathgodam: टनकपुर से गंगोलीहाट 165 किलोमीटर (By Road) दूर है। दिल्ली से टनकपुर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से आया जा सकता है । उसके बाद मोटर मार्ग से टैक्सी या बस लेकर गंगोलीहाट तक पहुंचा जा सकता है। सभी प्रमुख जगहों से गंगोलीहाट के लिए प्राइवेट वाहन या बस हर वक्त उपलब्ध रहती हैं । काठगोदाम रेलवे स्टेशन से गंगोलीहाट 185 किलोमीटर (By Road) दूर है। आप किसी भी प्राइवेट वाहन या बस से गंगोलीहाट तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
Haldwani से Pithoragarh तक हेलीकाप्टर सेवा भी उपलब्ध है लेकिन इसमें एक बार में केवल 6 व्यक्ति ही जा सकते है। अगर आप इस सेवा का लाभ लेना चाहते हैं तो इसकी Advance में Booking कर लीजिए। हेलीकाप्टर प्रतिदिन Haldwani से Pithoragarh तक जाता है।

कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)

क्यों आए गंगोलीहाट

गंगोलीहाट व उसके आस -पास घूमिये और ठंडी ताजी हवा का मजा लीजिए ।
सिद्धपीठ हाट कलिका मंदिर में देवी माँ के दर्शन कीजिए ।
पाताल भुवनेश्वर तथा अन्य प्राकृतिक गुफाओं को देखिये ।
ठंडी हवा , पानी , प्रकृति व पहाड़ों का आनंद लीजिए और शांति व सुकून महसूस कीजिए ।
स्थानीय बाजार से सामान खरीदिये।

मौसम (Weather)

किसके साथ आए ।

परिवार के साथ आ सकते हैं
नव दम्पत्ति आ सकते हैं ।
दोस्तों के साथ।
अकेले भी आ सकते हैं शांति व सुकून के कुछ पल बिताने के लिए।

बोली जाने वाली भाषा (Language )

हिंदी
अंग्रेजी
कुमाऊँनी / नेपाली / स्थानीय भाषा

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