Darkot Village In Munsiyari Uttarakhand
दरकोट गाँव : बेहद खूबसूरत डिजाइन कालीन व शालों में उतार देते हैं यहाँ के कुशल कारीगर।

Darkot Village In Munsiyari Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर मदकोट रोड पर स्थित यह छोटा सा प्यारा सा हरा -भरा गांव दरकोट। इस गाँव में अधिकतर घर व दरवाजे लकड़ी के बने हैं जिन पर खूबसूरत पारंपरिक नक्काशी की गई है। यहां पर अक्सर पर्यटक भोटिया व शौका जनजाति की पारंपरिक तथा उनके पूर्वजों की अनमोल कारीगरी को देखने के लिए पहुंचते हैं। कालीन तथा शाँल बनाने का काम आज भी यहां के लोग बड़े शौक से करते है। ये लोग अपनी कुशल व बारीक कारीगरी से बेहद खूबसूरत डिजाइनों को इन कालीनों तथा शालों में उतारते हैं। ये इतने खूबसूरत होते हैं कि पहली नजर में आपको यकीन ही नहीं होगा कि ये हाथ से बने हुए हैं। ये इनकी पारंपरिक कला हैं जो पीढी दर पीढी अपने बड़ों से परिवार के छोटे सदस्य सीखते हैं। यहाँ लगभग हर घर में दन , कालीन , शॉल बनने का सामान देखने को मिल जायेगा। यहाँ के अधिकतर लोग गजब के कारीगर होते है जिनकी कला देखते ही बनती है। भोटिया व शौका जनजाति की खासियत यह है कि आज भी उन्होंने अपने पूर्वजों की अनमोल सांस्कृतिक विरासत , सभ्यता व संस्कृति को संभाल कर रखा है। जब भी आप मुनस्यारी या उसके आस -पास के क्षेत्रों में जाएंगे तो आपको इसका अहसास खुद ही हो जायेगा।
क्या करें
गाँव में घूमिये। प्रकृति का आनंद लीजिए। कालीन तथा शाँल बनाते हुए देखिये। फोटोग्राफी का आनंद उठाइये। इस क्षेत्र की सभ्यता व संस्कृति को जानने का प्रयास कीजिए।
ध्यान में रखने योग्य बातें
आप यहाँ मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। कुछ गर्म कपड़े , फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा व पैदल चलने के लिए एक अच्छी क्वालिटी का जूता अपने साथ अवश्य रखें।
अवधि
गाँव व उसके आस -पास आप अपने हिसाब से समय बिता सकते हैं।