Gaumukh Tapovan Trek Uttarkashi Uttarakhand
दुनिया का सबसे खूबसूरत , सबसे भव्य और पिरामिडनुमा शिवलिंग पर्वत देखना हो तो यहाँ चले आइये।
Gaumukh Tapovan Trek Uttarkashi Uttarakhand : तपोवन यानि तपस्या की भूमि या वन। ऐसी भूमि जहाँ के शांत व आध्यात्मिक वातावरण में ऋषि – मुनि या तपस्वी ध्यान , तप , साधना आदि करते हैं । लगभग 14,600 फिट की ऊँचाई पर स्थित तपोवन भी एक ऐसी ही भूमि है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य , विशाल घास के मैदान , विराट शिवलिंग पर्वत श्रृंखला , एकांत , शांत – सुरम्य वातावरण व आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए जाना जाता है। इसीलिए गौमुख – तपोवन ट्रैक , ट्रैकर्स के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यह ट्रैक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गढ़वाल हिमालय क्षेत्र के अंतर्गत आता है जो पवित्र गंगोत्री धाम से शुरू होकर गौमुख होते हुए तपोवन तक जाता है। दुनिया के सबसे खूबसूरत पर्वत शिखरों में से एक शिवलिंग पर्वत की तलहटी में स्थित तपोवन बहुत अत्यधिक ऊँचाई में स्थित एक विशाल घास का मैदान है। गंगोत्री धाम से गौमुख और फिर गौमुख से तपोवन तक की ट्रैकिंग सिर्फ ट्रैकिंग न होकर , एक बहुत ही रोमांचकारी , साहसिक , चुनौतीपूर्ण आध्यात्मिक यात्रा है। यह पूरा ट्रैकिंग रूट अपनी समृद्ध जैव विविधता , मजबूत हिमालयी पारिस्थितकी तंत्र , अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य , आध्यात्मिक शांति , ठंडी हवा व पिरामिडनुमा शिवलिंग और मेरु पर्वत श्रृंखलाओं के विहंगम दृश्य के लिए जाना जाता है। यह पूरा ट्रैक लगभग 45 किलोमीटर का है। इस आध्यात्मिक यात्रा में लगभग 6 से 8 दिन लग जाते हैं।
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बहुत खास है तपोवन ।
तपोवन सदियों से साधु – संतो की भूमि रही है। आज भी यहाँ अनेक तपस्वी धुनी रमाये प्रभु भक्ति में लीन रहते हैं । इस घास के मैदान से शानदार शिवलिंग , भागीरथी और मेरु पर्वत श्रृंखलाओं को एकदम सामने महसूस किया जा सकता है। उत्तरकाशी शहर से लगभग 97 किलोमीटर दूर हिन्दुओं का पवित्र तीर्थ गंगोत्री धाम स्थित है। गंगोत्री – तपोवन ट्रैक इसी गंगोत्री धाम से चिरबासा , भोजवासा , गौमुख होते हुए तपोवन तक जाता है। गंगोत्री धाम से लगभग 19 किलोमीटर की दूरी पर गौमुख स्थित है जो भागीरथी नदी (गंगा) का उद्गम स्थान है। हालाँकि तपोवन तक पहुँचना बहुत ही साहसिक व चुनौतीपूर्ण है लेकिन वहाँ पहुँचकर व्यक्ति रास्ते की सारी परेशानियों को भूल कर दिल में एक अजीब सी आध्यात्मिक शांति महसूस करता है। हिमालयी क्षेत्र होने के कारण जाड़ों में यह स्थान पूरी तरह बर्फ से ढक जाता है।
क्या करें ?
यह ट्रैक गंगोत्री से चिरबासा , भोजवासा व गौमुख होते हुए तपोवन तक पहुँचता है। गौमुख में माँ भागीरथी का उद्गम स्थान देखिये। शिवलिंग , थलै सागर , मेरु , भागीरथी पर्वत श्रृंखलाओं का भव्य नजारा देखिये। घास के मैदान , नीली भेड़ व भोजपत्र के पेड़ों को देखिये। पर्वतारोहण , ट्रैकिंग , कैंपिंग का मजा लीजिए। खूब फोटोग्राफी कीजिए । इसके अलावा भी गंगोत्री धाम व उत्तरकाशी शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे विश्वनाथ मंदिर , यमुनोत्री धाम , शनि मंदिर , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली , डोडीताल , नचिकेताताल , कुटेटी देवी मन्दिर , नेलांग घाटी आदि जहाँ आप जा सकते हैं। आप दयारा बुग्याल , केदारकांठा , डोडीताल तक ट्रैकिंग भी कर सकते हैं।
गंगोत्री – तपोवन ट्रैक आने का सही समय (Best Time To Visit In Gaumukh Tapovan Trek)
यह ट्रैक ग्रीष्म ऋतु व शरद ऋतु , दोनों के लिए उपयुक्त माना जाता है । इसीलिए तपोवन यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मई – जून और सितंबर – अक्टूबर के बीच है। यह ट्रैक गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है जो पूरा क्षेत्र गढ़वाल हिमालय का हिस्सा है। जाड़ों में यह पूरा क्षेत्र बर्फ से ढक जाता है । अगर आप गंगोत्री धाम में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान रखने योग्य बातें।
गंगोत्री – तपोवन ट्रैक में ट्रैकिंग करने के लिए गंगोत्री धाम में संबंधित विभाग से परमिट लेना आवश्यक है। इस ट्रैकिंग के लिए कुछ नियम बनाये गए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है। अगर आप यहां पर्वतारोहण , ट्रैकिंग , कैंपिंग करना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में जानकारी अवश्य लें । तपोवन तक पैदल चलने हेतु अच्छी क्वालिटी का जूता अवश्य पहनें। खाने -पीने का कुछ सामान , कुछ आवश्यक दवाइयाँ , गर्म कपड़े व पहचान पत्र अपने साथ अवश्य रखें। अगर आप गंगोत्री मंदिर में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book अवश्य कर लीजिए।
कैसे पहुँचें गंगोत्री – तपोवन ट्रैक ( How To Reach Gaumukh Tapovan Trek)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
गंगोत्री – तपोवन ट्रैक एक साधारण ट्रैकिंग न होकर एक साहसिक व आध्यात्मिक यात्रा है। इस आध्यात्मिक यात्रा में लगभग 6 से 8 दिन लग जाते हैं। इसके अलावा भी इसके आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे गंगोत्री ग्लेशियर , विश्वनाथ मंदिर , गंगोत्रीधाम , डोडीताल , गोमुख , यमुनोत्री , गरंताग गली , केदरकांठा , नेलांग घाटी आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं। अगर आप गंगोत्री मंदिर में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
