Top 5 Tourist Places To Visit In Ranikhet Almora Uttarakhand
हमारे अमर वीर सपूतों के शौर्य , पराक्रम व बलिदान की कहानी को बयां करता है यहाँ का सैन्य संग्रहालय।


Places To Visit In Ranikhet Almora Uttarakhand : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के अल्मोड़ा शहर से लगभग 57 किलोमीटर दूर और समुद्रतल से लगभग 1869 मीटर (6132 फिट) की ऊँचाई पर स्थित है देवदार , ओक , बुरांश के जंगलों से घिरा एक प्यारा सा हिल स्टेशन रानीखेत। इस शहर को “छावनी शहर” भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ का एक बड़ा भू – क्षेत्र सेना के पास है जहाँ कुमाऊं रेजिमेंट और नागा रेजिमेंट की यूनिट स्थाई रूप से रहती है। इस पूरे क्षेत्र का रखरखाव भारतीय सेना के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए यह क्षेत्र काफी हरा -भरा , एकदम शांत – सुरम्य देखने लायक है। यहां काफी बड़ा एक सैन्य अस्पताल भी है। यहाँ से विराट व भव्य हिमालय की पश्चिमी शृंखलाओं का अद्भुत नजारा दिखाई देता है। सर्दियों में रानीखेत का मौसम बहुत ठंडा रहता है जबकि गर्मियों में बहुत सुहाना हो जाता है। मई – जून की भीषण गर्मी में भी यहां ताजी ठंडी हवा का मजा लिया जा सकता है। यहां सर्दियों में यानि दिसंबर , जनवरी और फरवरी में काफी बर्फबारी होती है। इसीलिए बर्फबारी का मजा लेने के लिए इन महीनों में यहां काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।
रानीखते छावनी क्षेत्र में हैं कई देखने लायक पर्यटन स्थल
चारों तरफ हरियाली व प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पूरा रानीखेत अपने -आप में बहुत सुंदर है मगर सेना के अधिकार वाला छावनी क्षेत्र बहुत विशेष है। यहाँ का मुख्य आकर्षण भारतीय सेना की कुमाऊं रेजीमेंट द्वारा बनाया गया केआरसी (KRC) संग्रहालय है जहाँ उन सभी चित्रों , कलाकृतियों व वस्तुओं के संग्रह को बहुत संजो कर रखा गया है जो विश्वयुद्ध , भारत चीन युद्ध , भारत पाकिस्तान युद्ध (सन 1965 , सन 1971) , कारगिल युद्ध व आपरेशन पवन के दौरान कुमाऊं रेजीमेंट द्वारा दिए गये योगदान से संबंधित हैं। इस संग्रहालय के सभी चित्र व कलाकृतियों हमारे अमर वीर सपूतों के शौर्य , पराक्रम व बलिदान की कहानी को बयां करते है। छावनी क्षेत्र में ही आशियाना पार्क भी है जो विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए डिजाइन व विकसित किया गया है। यह पार्क जंगल थीम पर बना है जहाँ डायनासोर , हाथी , जिराफ आदि की प्रतिकृतियों देखने को मिलेंगी। पानी के फव्वारों के अलावा यहाँ बच्चों के लिए छोटी – छोटी पैडल वाली पानी की नाव भी हैं जहाँ बच्चे खूब मस्ती करते हैं। नर सिंह स्टेडियम के पास एक मानव निर्मित रानी झील है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है जहाँ लोग वोटिंग का आनंद लेते हैं।
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नौ होल वाला गोल्फ कोर्स है पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र
रानीखेत की एक और खासियत है उपत कलिका में स्थित हरा -भरा 9 (Nine) होल वाला गोल्फ कोर्स जो एशिया के सबसे ऊँचें गोल्फ कोर्स में से एक है। यह रानीखेत शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है। इतनी ऊंचाई पर स्थित यह हरा -भरा गोल्फ कोर्स पर्यटकों को खासकर गोल्फ प्रेमियों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करता है। रानीखेत से करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित है “7 स्टोन” जहाँ से सूर्योदय व सूर्यास्त का अद्भुत नजारा दिखाई देता है। रानीखेत के आसपास भी और कई पर्यटन स्थल हैं जैसे भालूबांध , हेड़ाखान मंदिर , झूला देवी मंदिर , चौबटिया , ताड़ीखेत , स्यालीखेत , मज़खाली जो वाकई में देखने लायक हैं। रानीखते शहर चारों ओर से देवदार , ओक , बुरांश के जंगलों से घिरा है। इसीलिए यहां कई तरह के वन्यजीव पाए जाते हैं जैसे तेंदुए , रीसस बंदर , पाइन माटेंस , हिमालयन लंगूर , ढोल , खरगोश , मुंटजैक (भौंकने वाले हिरण) व सांभर आदि।
क्या करें ?
रानीखेत के प्राकृतिक सौंदर्य का मजा लीजिए। छावनी क्षेत्र देखिये। अगर आप गोल्फ खेलने के शौक़ीन हैं तो गोल्फ कोर्स जाइये और गोल्फ खेलने का मजा लीजिए। जंगल ट्रेकिंग कीजिए और अनेक प्रकार के दुर्लभ जानवरों को देखिये। खूब फोटोग्राफी कीजिए । इसके अलावा भी अल्मोड़ा शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे डोल आश्रम , कटारमल सूर्य मंदिर , कसारदेवी मंदिर , सिमटोला इको पार्क , जागेश्वर धाम , नंदा देवी मंदिर , चितई गोलू देवता मंदिर आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
रानीखेत आने का सही समय (Best Time To Visit In Ranikhet)
रानीखेत अल्मोड़ा से सिर्फ 57 किमी॰ की दूरी पर है। अल्मोड़ा से दो पहिया वाहन , छोटी गाड़ियों , टैक्सियों और बसों से रानीखेत तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। रानीखेत आने का सही समय मार्च से लेकर जून तक और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक है। अगर आप बर्फबारी का मजा लेना चाहते हैं तो दिसंबर , जनवरी और फरवरी में रानीखेत धूमने का Plan बनाइये । अगर आप रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान में रखने योग्य बातें
रानीखेत शहर में तो आप बेफिक्र होकर धूम सकते हैं मगर छावनी क्षेत्र सेना के अंतर्गत आता है। इसीलिए वहाँ के कुछ क्षेत्रों में जाने के लिए सेना प्रशाशन से अनुमति लेनी होती है। यह सुरक्षा की दृष्टि से किया जाता है। इसलिए उन क्षत्रों में जाने के बाद उनके द्वारा बनाये गये नियमों का पालन कीजिए। कोई भी गतिविधि करने से पहले वहाँ तैनात सैन्य कर्मियों से अवश्य अनुमति ले लें। सैनिक संग्रहालय में नियमों का पालन अवश्य कीजिए। रानीखेत या छावनी क्षेत्र में पैदल चलने हेतु अच्छी क्वालिटी का जूता अवश्य पहनें।
कैसे पहुँचें रानीखेत ( How To Reach Ranikhet)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
रानीखेत अपने आप में बहुत ही सुन्दर , शांत पहाड़ी क्षेत्र है । इसके अलावा भी शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है । जैसे डोल आश्रम , कटारमल सूर्य मंदिर , कसारदेवी मंदिर , सिमटोला इको पार्क , जागेश्वर धाम , नंदा देवी मंदिर , चितई गोलू देवता मंदिर आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं। अगर आप रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
क्यों आयें रानीखेत ?
मौसम (Weather)
चारों तरफ हरे -भरे पहाड़ व घना जंगल होने के कारण रानीखेत का मौसम गर्मियों में भी सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। यहां सर्दियों में यानि दिसंबर , जनवरी और फरवरी में काफी बर्फबारी होती है। अगर आप बर्फबारी का मजा लेना चाहते हैं तो सर्दियों में आइये। अगर आप रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें । ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।