Haidakhan Temple In Ranikhet Almora Uttarakhand
यह मंदिर सालभर विदेशी श्रद्धालुओं से भरा रहता है।


Haidakhan Temple In Ranikhet Almora Uttarakhand : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर रानीखेत – द्वाराहाट मार्ग पर स्थित है प्रसिद्द हैडाखान मंदिर । यह मंदिर भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले हैडाखान बाबाजी को समर्पित है। हैडाखान मंदिर का निर्माण स्वयं हैडाखान बाबाजी द्वारा ही किया गया था। हैडाखान मंदिर परिसर में बजरंगबली विराजमान है जबकि मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक भव्य सफेद मूर्ति लगी है। चूंकि यह मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी के ऊपर बना है। इसीलिए यहाँ तक पहुँचने के लिए थोड़ा पैदल चलना पड़ता है। यह मंदिर सालभर देशी से ज्यादा विदेशी श्रद्धालुओं से भरा रहता है। इस जगह से हिमालय की शानदार चोटियों नंदादेवी , पंचचूली , चौखम्बा साफ दिखाई देती है। हैडाखान मंदिर सिर्फ एक मंदिर नही है बल्कि एक उच्चकोटि का आध्यात्मिक केंद्र है। यहाँ श्रद्धालु जप , तप , योग , साधना में मस्त रहते हैं। यहाँ का वातावरण बेहद शांत है जो मन को सुकून प्रदान करता है।
सालभर देशी से ज्यादा विदेशी श्रद्धालुओं से भरा रहता है यह मंदिर।
यह मंदिर सालभर देशी से ज्यादा विदेशी श्रद्धालुओं से भरा रहता है। यहाँ पर बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भारतीय परंपरा व रीति रिवाज से विवाह करने व बाबाजी का आशीर्वाद लेने पहुँचते हैं। माना जाता है कि हैडाखान बाबाजी के पास चमत्कारिक शक्तियों थी। उन्होंने अपनी शिक्षा से लोगों के जीवन में गहरा प्रभाव डाला। इसीलिए देश ही नही बल्कि विदेशों में भी लाखों लोग आज भी उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हैं। सन 1984 में अल्पायु में ही बाबाजी ने अपना शरीर त्याग दिया था लेकिन आज भी लोग उनकी उपस्थिति व शक्तियों को महसूस करते हैं। थोड़ी ऊंचाई में स्थित होने के कारण हैडाखान मंदिर से हिमालय , आस -पास के क्षेत्रों , गाँवों का शानदार नजारा दिखाई देता है।
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क्या करें ?
हैडाखान मंदिर से हिमालय , आस -पास के क्षेत्रों , गाँवों के शानदार नजारे को देखिये । हैडाखान मंदिर परिसर की शांति को महसूस कीजिए । अन्य श्रद्धालुओं के साथ ध्यान , योग , तप में समय बिताइए। ठंडी ताजी हवा का मजा लीजिए। फोटोग्राफी और जंगल ट्रेकिंग कीजिए। इसके अलावा भी अल्मोड़ा शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे बिनसर वन्य जीव अभयारण्य , डोल आश्रम , कटारमल सूर्य मंदिर , कसारदेवी मंदिर , सिमटोला इको पार्क , जागेश्वर धाम , नंदा देवी मंदिर , चितई गोलू देवता मंदिर आदि जहाँ आप जा सकते हैं।
हैडाखान मंदिर आने का सही समय (Best Time To Visit In Haidakhan Temple)
हैडाखान मंदिर में आने का सही समय फरवरी से लेकर जून तक और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक है । गर्मियों में यहाँ का मौसम बेहद सुहाना रहता है। अगर आप अल्मोड़ा / रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान रखने योग्य बातें।
हैडाखान मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको थोड़ा पैदल चलना पड़ेगा। इसीलिए पैदल चलने व ट्रैकिंग के शौक़ीन लोग अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें। मंदिर में मंदिर की मर्यादा का ध्यान रखें। मंदिर के नियमों का पालन करें।
कैसे पहुँचें हैडाखान मंदिर ( How To Reach Haidakhan Temple)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
हैडाखान मंदिर अपने आप में बहुत ही सुन्दर जगह व उच्च कोटि का आध्यात्मिक केंद्र है जहाँ आपको सुकून व शांति की अनभूति होगी। इसके अलावा भी शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है । जैसे डोल आश्रम , कटारमल सूर्य मंदिर , कसारदेवी मंदिर , सिमटोला इको पार्क , जागेश्वर धाम , नंदा देवी मंदिर , चितई गोलू देवता मंदिर आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं। अगर आप अल्मोड़ा / रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
क्यों आयें हैडाखान मंदिर ?
मौसम (Weather)
चारों तरफ हरे -भरे पहाड़ व पेड़ -पौधे व थोड़ा ऊँचाई में स्थित होने के कारण हैडाखान मंदिर का मौसम गर्मियों में भी सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप अल्मोड़ा / रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें । ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।