Namik Glacier Trek Munsiyari Uttarakhand
नामिक ग्लेशियर ट्रेक : ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए एक शानदार जगह

Namik Glacier Trek Munsiyari Uttarakhand : उत्तराखंड के कुमाऊँ मण्डल के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र में लगभग 3,600 मीटर (11,800 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है नामिक ग्लेशियर। ‘नामिक’ का अर्थ है जहां “नमकीन पानी के झरने या खारे पानी के झरने” मौजूद हों। इस ग्लेशियर के पास कई सल्फर के झरने है जो इसके “नामिक” नाम को सार्थक करते हैं। यह विश्व की प्रमुख हिमालय चोटियाँ माउंट त्रिशूल , नंदा कोट और नंदा देवी से घिरा हुआ है। कुमाऊँ हिमालय पर लगभग 3 किलोमीटर में फैले इस शानदार ग्लेशियर ट्रेक की शुरुआत मुनस्यारी से होती है। वैसे नामिक ग्लेशियर तक पहुँचने के लिए दो पैदल रास्ते हैं। पहला रास्ता गोगिना (बागेश्वर जिले का अंतिम गांव) से नामिक गाँव (पिथौरागढ़ जिले का अंतिम गांव) होकर नामिक ग्लेशियर तक जाता है और दूसरा रास्ता थल -मुनस्यारी रोड पर बिर्थी के समीप स्थित बाला गाँव से शुरू होता है। अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिलों के बीच सीमा बनाती हुई रामगंगा नदी नामिक ग्लेशियर से ही निकलती है।
हिमालय चोटियाँ से घिरा है नामिक ग्लेशियर
नामिक ग्लेशियर के आसपास ट्रेकिंग करते वक्त ट्रेकर्स वास्तव में उस हिमालयीे क्षेत्र में होते हैं जो विश्व की सबसे बड़ी चोटियों से घिरा है। इस पूरे रास्ते में आपको ग्रामीण सभ्यता , स्थानीय संस्कृति , खान -पान , मंदिर , भाषा और रीति -रिवाजों को समेटे गांवों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। साथ ही साथ आप नामिक ग्लेशियर ट्रैक पर पड़ने वाले अद्भुत प्राकृतिक नजारों को भी हमेशा के लिए अपने दिल व कैमरे में कैद कर पायेंगे । यहाँ पर आपको ठहरने के लिए कुछ होम स्टे भी मिल जायेंगे।
मुनस्यारी का आखिरी गांव है नामिक गाँव
नामिक भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी ब्लॉक का आखिरी गांव है जहां नामिक ग्लेशियर मौजूद है। यह जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से 133 किलोमीटर उत्तर की ओर और मुनस्यारी से 102 किलोमीटर दूर स्थित है। राज्य की राजधानी देहरादून से लगभग 392 किलोमीटर दूर है। नामिक ग्लेशियर का नाम नामिक गांव से लिया गया है। हिमालय की तलहटी में बसा यह गांव अपनी प्राकृतिक खूबसूरती व नामिक ग्लेशियर के लिए जाने वाले ट्रेक के लिए जाना जाता है। नामिक ग्लेशियर जाने वाले ट्रेकर नामिक गांव की खूबसूरती देखकर अभिभूत हो उठते हैं। नामिक गांव से होकर नामिक ग्लेशियर तक पहुंचा जाता है जहां खारे पानी के झरने मौजूद हैं। नामिक का डाक प्रधान कार्यालय तेजम है। प्राचीन भारत-तिब्बत व्यापार मार्ग भी यही से होकर जाता था।
क्या करें ?
मुनस्यारी से नामिक ग्लेशियर तक के ट्रैकिंग रूट का आनंद उठाइये मगर अपनी सेहत का ध्यान रखें। प्रकृति व फोटोग्राफी का आनंद उठाइये। ठंडी प्रदूषण मुक्त हवाओं का आनंद लीजिए। पहाड़ों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब कुछ संस्थाएं भी नामिक ग्लेशियर तक ट्रैक कम खर्चे में करा रही हैं आप चाहें तो ऐसी संस्थाओं की मदद ले सकते हैं। ये संस्थाएं होम स्टे में आपके ठहरने की व्यवस्था करती हैं जहाँ आप पहाड़ी रहन सहन , संस्कृति , खान – पान , लोक कला और स्थानीय उत्पादों को देख पायेंगे। इसके साथ ही आपको पहाड़ी खाना भी खिलाया जाएगा।
ध्यान में रखने योग्य बातें
अगर आपको ट्रैकिंग करना , ग्लेशियर देखना , प्रकृति के करीब रहना व उसे देखना पसंद है तो आपके लिए यह एक शानदार जगह है। आप यहाँ मई , जून या सितंबर में जा सकते हैं। अगर आप मुनस्यारी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। कुछ गर्म कपड़े , फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा व पैदल चलने के लिए एक अच्छी क्वालिटी का जूता अपने साथ अवश्य रखें।
अवधि
नामिक ग्लेशियर व उसके आस -पास आप अपने हिसाब से समय बिता सकते हैं।