Dwarahat Almora Uttarakhand
प्राचीन मंदिरों का गाँव देखना हो तो द्वाराहाट चले आइये ।

Dwarahat Almora Uttarakhand : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत शहर से लगभग 32 किलोमीटर दूर स्थित है एक प्यारा सा “मंदिरों का गाँव” द्वाराहाट। “स्वर्ग का द्वार” कहे जाने वाले इस कस्बे की पहचान कत्यूरी राजाओं द्वारा निर्मित लगभग 55 प्राचीन मंदिर है। इन सभी मंदिरों की वास्तुकला व उत्कृष्ट नक्काशी देखने लायक है। समुद्र तल से लगभग 1510 मीटर (4950 फिट) की ऊंचाई पर स्थित द्वाराहाट एक बहुत ही हरा – भरा शांत सुरम्य कस्बा है। द्रोणगिरी पर्वत की गोद में बैठा यह शहर अपनी धार्मिक विरासत के साथ – साथ सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर भी समेटे हुए है। द्वाराहाट में रतन देव मंदिर समूह , गुर्जर देव मंदिर , कचहरी मंदिर समूह , गोलू देवता मंदिर , मृत्युंजयम मंदिर , बद्रीनाथ मंदिर समूह देखने लायक है। कछारी / कचहरी मंदिर समूह एक जैसे आकार के 12 मंदिरों का एक समूह है जो प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है। ये सभी मंदिर भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित हैं। कचहरी मंदिर समूह प्रांगण में एक प्राचीन कुआँ भी है। बद्रीनाथ मंदिर समूह 3 मंदिरों का एक समूह है जो भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी को समर्पित है। मृत्युंजयम मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। सीढ़ीदार खेत , सर्पिल आकार के टेड़े – मेडे रास्ते व प्राचीन मंदिर समूह द्वाराहाट को एक अलग ही पहचान देते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे है द्वाराहाट।
द्वाराहाट शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे है। यहां कई स्कूलों के अलावा एक डिग्री कालेज , एक पॉलिटेक्निक संस्थान व एक इंजीनियरिंग कालेज भी है जहां देश भर से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। यहां से हिमालय की शानदार चोटिया दिखाई देती हैं। यह पूरा क्षेत्र हरा – भरा है। द्रोणगिरी पर्वत की तलहटी में स्थित होने के कारण यहां के मिश्रित वन क्षेत्रों में कई दुर्लभ औषधीय पौधे बहुत अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसीलिए इन वनों को महाऔषधि वन भी कहते है। द्वाराहाट से लगभग 14 किलोमीटर दूर मां दूनागिरी सिद्ध शक्तिपीठ है जहाँ माँ वैष्णवी रूप में विराजमान है। इसके अलावा यहाँ योगदा सत्संग शाखा आश्रम , विमांड़ेश्वर मंदिर , महावतार बाबाजी गुफा , पांडवखोली देखने लायक हैं। द्वाराहाट के आस -पास के गाँवों में अभी भी कुमाँऊनी शैली में बने घर दिखाई देते है। यहाँ कुमाँऊनी तीज – त्यौहार बहुत उत्साह से मनाये जाते हैं।
Similar Places
Dunagiri Temple Dwarahat Almora Uttarakhand : इस सिद्ध शक्तिपीठ में माँ दूनागिरी वैष्णवी रूप में विराजमान हैं।
Mankameshwar Temple Ranikhet Almora Uttarakhand : इस मंदिर में विराजमान हैं जगत जननी माँ काली के साथ भगवान भोलेनाथ व राधा – कृष्ण ।
Haidakhan Temple In Ranikhet Almora Uttarakhand : यह मंदिर सालभर विदेशी श्रद्धालुओं से भरा रहता है।
Chaubatia In Ranikhet Almora Uttarakhand : बसंत ऋतु में सेब , आड़ू व नाशपाती के रंग -बिरंगे फूलों से खिल उठता है पूरा चौबटिया गार्डन।
Bhalu Dam Ranikhet Almora Uttarakhand : घने जंगलों के बीच स्थित इस झील का एकदम शांत सुरम्य वातावरण आपका मन मोह लेगा।
Jhula Devi Temple Ranikhet Almora Uttarakhand : इस मंदिर में झूले में विराजमान हैं माँ दुर्गा।
क्या करें ?
द्वाराहाट में प्राचीन मंदिरों को देखिये। ठंडी ताजी हवा का मजा लीजिए। फोटोग्राफी और जंगल ट्रेकिंग कीजिए। इसके अलावा भी अल्मोड़ा शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे बिनसर वन्य जीव अभयारण्य , डोल आश्रम , कटारमल सूर्य मंदिर , कसारदेवी मंदिर , सिमटोला इको पार्क , जागेश्वर धाम , नंदा देवी मंदिर , चितई गोलू देवता मंदिर आदि जहाँ आप जा सकते हैं।
द्वाराहाट आने का सही समय (Best Time To Visit In Dwarahat)
द्वाराहाट आने का सही समय फरवरी से लेकर जून तक और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक है । गर्मियों में यहाँ का मौसम बेहद सुहाना रहता है। अगर आप अल्मोड़ा / रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान रखने योग्य बातें।
द्वाराहाट में खास कर मंदिरों में धूमने के लिए आपको पैदल ही चलना पड़ेगा। इसीलिए पैदल चलने व ट्रैकिंग के शौक़ीन लोग अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।
कैसे पहुँचें द्वाराहाट ( How To Reach Dwarahat)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
द्वाराहाट बहुत ही सुन्दर व शांत जगह है जहाँ के प्राचीन मंदिर देखने लायक हैं। हालाँकि समय के साथ – साथ इनमें से कुछ मंदिर जीर्ण – क्षीण अवस्था में है मगर फिर भी वो अपने प्राचीन गरिमामय इतिहास का गुणगान करते है। इसके अलावा भी शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है । जैसे डोल आश्रम , कटारमल सूर्य मंदिर , कसारदेवी मंदिर , सिमटोला इको पार्क , जागेश्वर धाम , नंदा देवी मंदिर , चितई गोलू देवता मंदिर आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं। अगर आप अल्मोड़ा / रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
क्यों आयें द्वाराहाट ?
मौसम (Weather)
पहाड़ी इलाका होने के कारण द्वाराहाट का मौसम गर्मियों में भी सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप अल्मोड़ा / रानीखेत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें । ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।