Askot Musk Deer Sanctuary Pithoragarh Uttarakhand
कस्तूरी मृगों के संरक्षण के उद्देश्य से बना है अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य


Askot Musk Deer Sanctuary Pithoragarh Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ शहर से करीब 54 किलोमीटर दूर स्थित है अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य। समुद्र तल से करीब 5412 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1986 में कस्तूरी मृगों (मोस्कस ल्यूकोगैस्टर) व उसके आवास के संरक्षण के उद्देश्य से की गई है। इसके अलावा अभयारण्य बनाने का मूल उद्देश्य क्षेत्र की दुर्लभ वनस्पतियों और वन्यजीवों की वृहद जैव विविधता का संरक्षण करना भी था। 600 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले इस अभयारण्य में लगभग 67 कस्तूरी मृग हैं। यह मृग अभयारण्य वन्यजीव और प्रकृति प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह जगह कस्तूरी हिरणों के अलावा हिम तेंदुए , हिमालयन थार , ब्लू भेड़ , सेरोव , चाइर , काकड़ , घोरड़ , हिमालयी काले भालू , फेशियंस , चूकर्स , तहर , भरल और कोक्लासों के लिए भी सुरक्षित घर है। यह अभयारण्य सागौन और नीलगिरी के घने जंगलों व बर्फीले पहाड़ों के बीच स्थित है। इस अभयारण्य से पंचचुली , नौकना पहाड़ और हिमालय की सुंदरता देखते ही बनती है। यह अभयारण्य धौली और इकली नदियों का उद्गम स्थान है।
दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए एक प्रशंशनीय कदम
कस्तूरी मृगों (मोस्कस ल्यूकोगैस्टर) की दुर्लभ प्रजाति को संरक्षित करने के लिए वर्ष 1986 में यह प्रशंशनीय कदम उठाया गया और “अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य” से सटे एक किलोमीटर के दायरे को भी इको सेंसिटिव जोन घोषित किया गया। अस्कोट कस्तूरी मृग वन्य जीव अभयारण्य की सीमा 600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है और यह स्थान लुप्तप्राय वन्य जीवों और वनस्पतियों का भंडार है। इसमें पौधों की 2600 सौ प्रजातियां , पक्षियों की 250 प्रजातियां और स्तनधारियों की 37 प्रजातियां हैं। वन्यजीवों में तेंदुआ , हिमालयन काला व भूरा भालू , कस्तूरी हिरण , बंगाल टाइगर , हिमालयन थार , हिमालयन जंगली बिल्ली , ब्लू भेड़ , सेरोव , लूंगर , कलीज फेअसंत , चीर फेअसंत , कोकलास सिवेट , बार्किंग हिरण , सीरो , गोरल आदि हैं। इसके अलावा फीजेंट , मोनाल , पहाड़ी तीतर व मुर्गा , हिमालयन स्नो कॉक , ट्रेगोपान आदि पक्षी भी यहाँ आराम से देखे जा सकते हैं।
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क्या करें ?
अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य में ठंडी प्रदूषण रहित ताजी हवा और जंगल के शांत , सुरम्य व एकांत वातावरण का मजा लीजिए। जंगल ट्रेकिंग कीजिए। पक्षियों का देखिये व उनका मधुर कलरव सुनिए। दुर्लभ औषधीय पौधों , जड़ी बूटियों व वन्य जीवों को देखिये।
अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य आने का सही समय (Best Time To Visit In Askot Musk Deer Sanctuary )
अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य बाज , सागौन और नीलगिरी आदि के ऊँचें – ऊँचें पेड़ों का एक घना जंगल है। इसीलिए यहाँ गर्मियों में भी बहुत अधिक गर्मी नही रहती है। आप मार्च से जून तक फिर सितंबर से दिसंबर तक यहाँ आ सकते हैं । वैसे बरसात के अलावा यहाँ वर्ष के किसी भी महीने में आया जा सकता है।
ध्यान में रखने योग्य बातें
अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य एक घना जंगल क्षेत्र है और कई वन्य जीवों का घर भी है। इसीलिए वन विभाग की अनुमति लीजिए और उनके द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन कीजिए। जंगल में ट्रैकिंग के लिए एक अच्छी क्वालिटी का जूता पहनें और फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। अगर आप पिथौरागढ़ में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
कैसे पहुँचें अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य ( How To Reach Askot Musk Deer Sanctuary)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य बहुत ही सुन्दर , शांत जंगली क्षेत्र है। यहाँ पहुंचकर मन में बहुत ही शांति व सुकून का अनुभव होता है। खुली ताजी हवा व शांत सुरम्य वातावरण वाली इस शानदार जगह पर आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आए अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य
मौसम (Weather)
अस्कोट कस्तूरी मृग अभयारण्य में गर्मियों में मौसम बहुत सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप पिथौरागढ़ में कुछ दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।