Maa Sheetla Mandir Ranibag Haldwani Nainital Uttarakhand
आरोग्य और स्वच्छता की देवी हैं माँ शीतला


Maa Sheetla Mandir Ranibag Haldwani Nainital Uttarakhand : उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रानीबाग क्षेत्र में स्थित है माँ शीतला देवी का भव्य मंदिर। हल्द्वानी से लगभग 8 किलोमीटर दूर और काठगोदाम रेलवे स्टेशन से लगभग 4 किलोमीटर दूर यह मंदिर हरे-भरे घने जंगलों के बीचो – बीच स्थित है। चूंकि मंदिर प्रकृति के बीचो -बीच एक छोटी सी पहाड़ी के मध्य स्थित है। इसीलिए यहाँ तक पहुंचने के लिए हल्द्वानी – नैनीताल मार्ग से लगभग 800 मीटर पैदल चलना पड़ता है । मंदिर के साथ -साथ यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने योग्य है जो लोगों को सुकून व मानसिक शांति प्रदान करता है। शीतला माता को चेचक जैसी बीमारी से मुक्ति दिलाने वाली देवी माना जाता है। माँ शीतला को आरोग्य व स्वच्छता की देवी भी कहा जाता है। शीतला माँ का वाहन गधा है और वो अपने हाथों में कलश , सूप , झाड़ू व नीम के पत्ते धारण करती हैं। शीतला माँ का यह मंदिर करीब चार सौ साल पुराना बताया जाता है। माँ शीतला को ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य , जाट और गुजर्र समाजों में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है।
चर्म रोगों से निदान दिलाने वाली देवी हैं माता शीतला ।
माँ शीतला देवी की मान्यता हमारे पुराणों में भी है। स्कंद पुराण में भी शीतलाष्टक स्त्रोत का वर्णन किया गया है। आदियोगी शिव स्वयं वैद्यनाथ भी है। वैद्यनाथ रूप में उन्होंने संसार में होने वाली हर बीमारी को दूर करने के उपाय बताये हैं। माँ शीतला देवी जो पार्वती और दुर्गा स्वरूपा हैं उन्हें चर्म रोगों से निदान दिलाने वाली देवी माना जाता है। शीतला माता की पूजा विशेष रूप से चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को की जाती है। इसे शीतला अष्टमी या बसौड़ा भी कहते हैं। माना जाता है कि शीतला माता की पूजा अर्चना करने से शरीर निरोगी व स्वस्थ रहता है। शीतला माता की पूजा मुख्य रूप से उत्तर भारत में की जाती है। माँ का यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। वैसे यहां सालभर माँ की पूजा – अर्चना होती है मगर नवरात्रि और शीतला अष्टमी में पूजा का विशेष महत्व है। नवरात्रि में यहाँ विशेष आयोजन होते है। मंदिर प्रांगण में भक्तों की लम्बी कतार देखने को मिलती है जो माँ शीतला के प्रति लोगों की असीम श्रद्धा व आस्था का प्रतीक है।
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शीतला माता मंदिर से जुडी कथा।
शीतला माता मंदिर को लेकर एक कथा बहुत ही प्रचलित है। मान्यता है कि भीमताल के पांडे लोग अपने गांव में माता शीतला का मंदिर बनाना चाहते थे। इसके लिए गांव के कुछ लोग बनारस से माता की मूर्ति लेकर वापस आ रहे थे। इस स्थान तक पहुंचते -पहुंचते उन्हें शाम हो गई। तब उन्होंने इसी स्थान पर रात्रि – विश्राम का फैसला किया। कहा जाता है कि उन्हीं में से एक व्यक्ति को माता ने रात में स्वप्न में दर्शन दिए और उन्हें उनकी मूर्ति इसी जगह में स्थापित करने की आज्ञा दी। जब उस व्यक्ति ने सुबह अपने साथियों को स्वप्न के बारे में बताया तो उन्हें पहले तो यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन जब उन लोगों ने मूर्ति उठाने की कोशिश की तो वह मूर्ति अपनी जगह से हिली ही नही। इसके बाद उन्होंने मूर्ति को पूरे विधि – विधान के साथ यही स्थापित कर दिया। तब से ही माता शीतला का भव्य दरबार यही सजता है।
क्या करें ?
शीतला देवी मंदिर का पवित्र व शांत वातावरण अपने -आप में सुकून व शांति तो प्रदान करता ही है मगर उसके आस -पास का प्राकृतिक सौंदर्य उसमें चार -चाँद लगा देता है। माँ के दर्शन व उनका आशीर्वाद प्राप्त कीजिए। घने -लंबे पेड़ों के नीचे बैठिये। चिड़ियों का मधुर कलरव सुनिए। ठंडी हवा का मजा लीजिए। आस – पास के पहाड़ी क्षेत्रों में ट्रैकिंग कीजिए। वैसे रानीबाग और उसके आसपास कई और स्थान भी है जहाँ आप जा सकते हैं। जैसे नैनीताल , भीमताल , भुजियाघाट , भवाली , दोगाँव , ज्योलिकोट आदि। खूब फोटोग्राफी कीजिए और ठंडी ताजी हवा का मजा लीजिए।
शीतला देवी मंदिर आने का सही समय (Best Time To Visit In Maa Sheetla Mandir )
शीतला देवी मंदिर काफी प्राचीन है जो धार्मिक व आध्यात्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। शीतला देवी मंदिर जाने का सही समय मार्च से लेकर जून तक और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक है। दिवाली व दशहरे के आसपास और गर्मियों की छुट्टियों के वक्त शीतला देवी मंदिर का मौसम बहुत सुहाना रहता है । वैसे आप यहाँ कभी भी आ सकते हैं। अगर आप हल्द्वानी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान में रखने योग्य बातें
शीतला देवी मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर व पवित्र स्थल है। इसीलिए मंदिर परिसर में मंदिर के नियमों का पालन कीजिए। जूते -चप्पल निर्धारित जगह पर रखें। मंदिर परिसर में शान्ति बनाएं रखें। मंदिर तक पहुँचने के लिए थोड़ा पैदल भी चलना पड़ेगा। इसीलिए अच्छी क्वालिटी का जूता पहनें।
कैसे पहुँचें शीतला देवी मंदिर ( How To Reach Maa Sheetla Mandir)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
शीतला देवी मंदिर अपने आप में बहुत ही सुन्दर जगह है । इसके अलावा भी शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है । जैसे नैनीताल , भीमताल , भुजियाघाट , भवाली आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आयें माता शीतला देवी मंदिर
मौसम (Weather)
घने पेड़ों की छाँव के नीचे व पहाड़ी के बीचो- बीच स्थित होने के कारण शीतला देवी मंदिर का मौसम गर्मियों में भी सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए । फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें । ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।