Narayan Ashram Pithoragarh Uttarakhand
नारायण आश्रम : मन को असीम शांति व सुकून का अनुभव कराता एक उच्चकोटि का आध्यात्मिक केंद्र

Narayan Ashram Pithoragarh Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ शहर से करीब 136 किलोमीटर दूर स्थित है आध्यात्मिक केंद्र नारायण आश्रम। नारायण आश्रम की स्थापना वर्ष 1936 में दक्षिण के आध्यात्मिक नेता और तपस्वी श्रद्धेय श्री नारायण स्वामीजी ने की थी। 2734 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह आश्रम ऐसे सुन्दर प्राकृतिक परिवेश के बीचो – बीच बसा है जो घने जंगलों , बर्फ से ढकी चोटियों और सुंदर घाटियों से घिरा हुआ है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर इस आश्रम से पर्यटकों को हिमालय विशेष रूप से नंदा देवी , त्रिशूल और पंचाचूली की चोटियों के लुभावने दृश्य देखने को मिलते हैं। आश्रम का फूलों से सजा हर कोना और साथ में सेब के बगीचे , यहां लोगों को स्वर्ग जैसा एहसास कराते हैं। नारायण आश्रम कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश के यात्रियों के लिए एक अहम पड़ाव भी है।
आध्यात्मिक , सामाजिक व शैक्षिक केंद्र है आश्रम
ऊँची चोटी पर बने इस प्राचीन आश्रम में योग , ध्यान ,आत्मचिंतन , साधना आदि पर काफी फोकस किया जाता है। साथ ही साथ इसमें स्थानीय बच्चों के लिए एक स्कूल भी चलाया जाता है। यहाँ स्थानीय युवाओं को रोजगार से संबंधित अनेक तरह के प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था है। आश्रम में एक पुस्तकालय , ध्यान कक्ष और समाधि स्थान भी है। उच्चकोटि का आध्यात्मिक अनुभव देने वाला व सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला यह केंद्र मन को असीम शांति व सुकून प्रदान करता है। नारायण आश्रम का वातावरण और प्रकृति की सुंदरता के बीच एक अनूठा सामंजस्य है जो इसे ध्यान , योग , साधना के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बनाता है। वर्तमान में इस आश्रम का संचालन गुजरात का एक ट्रस्ट करता है जिसमें स्थानीय ट्रस्टी भी शामिल हैं। नारायण आश्रम में गुजरात , महाराष्ट्र व कर्नाटक से सबसे अधिक पर्यटक आते हैं।
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उच्च कोटि के आध्यात्मिक संत थे नारायण स्वामी
नारायण आश्रम अद्भुत आर्किटेक्ट का एक बेमिसाल उदाहरण है। यह आश्रम उस समय बनाया गया था जब यहां दूर-दूर तक न सड़क थी और ना ही अन्य मूलभूत सुविधाएं। कहा जाता है कि नारायण स्वामी राजघराने से ताल्लुक रखते थे और पेशे से सिविल इंजीनियर थे। समाज सेवा की भावना से ही उन्होंने यहां स्थानीय लोगों के सहयोग से इस आश्रम को खोला था। उन्होंने यहां के लोगों को ध्यान , योग के साथ -साथ शिक्षा , स्वास्थ्य लाभ और रोजगार देने की भी पहल की। नारायण स्वामी मानवता के आध्यात्मिक कल्याण के लिए मन की गहराई से प्रतिबद्ध थे और उनका लक्ष्य एक ऐसा स्थान बनाना था जहां व्यक्ति आत्मचिंतन कर आत्म-साक्षात्कार कर सकें और आधुनिक जीवन की दौड़ – भाग से दूर आंतरिक शांति व सुकून का अनुभव कर सकें।
प्रकृति के साथ फिर से जुड़ने और गहन आत्म-चिंतन का अवसर देता है यह आश्रम
कई पर्यटकों को नारायण आश्रम आधुनिक जीवन की दौड़ भाग , शोर -शराबे और अराजकता की जिंदगी से दूर शांति से एकांतवास करने , प्रकृति के साथ फिर से जुड़ने और गहन आत्म-चिंतन करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। नारायण स्वामी की शिक्षाएँ अनगिनत लोगों को निस्वार्थ सेवा व प्रेम के साथ -साथ अनुशासित व आध्यात्मिक जीवन जीने को प्रेरित करती है। श्री नारायण आश्रम प्रेम , करुणा , भक्ति , निस्वार्थ सेवा , प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण के शाश्वत मूल्यों का प्रतीक बना हुआ है। यह आश्रम पूर्णरूप से आत्म-अनुशासन , आध्यात्मिक विकास और ध्यान के लिए समर्पित है। मानवता की सेवा श्री नारायण आश्रम की शिक्षाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ भक्तों और आगंतुकों को विभिन्न प्रकार की निस्वार्थ सेवा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। चाहे वह आश्रम के रखरखाव में मदद करना हो , जरूरतमंदों को भोजन और आश्रय प्रदान करना हो या फिर आसपास के गांवों में धर्मार्थ कार्य में भाग लेना हो।
क्या करें ?
पिछले कुछ वर्षों में नारायण आश्रम का महत्व न केवल एक धार्मिक केंद्र के रूप में बल्कि सामाजिक सेवा और सामुदायिक उत्थान के स्थान के रूप में भी बढ़ा है। एकांत में शांति से ध्यान , योग और साधना कीजिए। आत्म-अनुशासन और आत्मचिंतन कर अपना आध्यात्मिक विकास कीजिए। आस – पास के क्षेत्रों में ट्रैकिंग कीजिए। समाज सेवा कार्य में भाग लीजिए।
नारायण आश्रम आने का सही समय (Best Time To Visit In Narayan Ashram)
नारायण आश्रम अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण परिवेश के लिए जाना जाता है। यहाँ गर्मियों में भी बहुत अधिक गर्मी नही रहती है। इसीलिए आप गर्मियों में आइये। जाड़ों में बर्फ गिरने से यहाँ ठंड काफी अधिक रहती है जिस वजह से आश्रम बंद रहता है।
ध्यान में रखने योग्य बातें
नारायण आश्रम एक शांत सुरम्य स्थान है मगर काफी ऊंचाई में स्थित है। इसीलिए कुछ गर्म कपड़े अपने साथ अवश्य रखें। जंगल में ट्रैकिंग के लिए एक अच्छी क्वालिटी का जूता पहनें और फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। अगर आप पिथौरागढ़ में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
कैसे पहुँचें नारायण आश्रम ( How To Reach Narayan Ashram)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
नारायण आश्रम बहुत ही सुन्दर , शांत जगह है। यहाँ पहुंचकर मन में बहुत ही शांति व सुकून का अनुभव होता है। खुली ताजी हवा व शांत सुरम्य वातावरण वाली इस शानदार जगह पर आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आए नारायण आश्रम
मौसम (Weather)
नारायण आश्रम में गर्मियों में मौसम बहुत सुहाना रहता है। इसीलिए आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर नवंबर तक कभी भी आ सकते हैं। मगर दिसंबर – जनवरी में बर्फ पड़ने से काफी अधिक ठण्ड रहती है। इसीलिए आश्रम बंद रहता है। अगर आप पिथौरागढ़ में कुछ दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।