Didihat Pithoragarh Uttarakhand
डीडीहाट : मन को असीम शांति व सुकून देने वाला एक प्यारा हिल सा स्टेशन


Didihat Pithoragarh Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित है डीडीहाट। एक छोटी पहाड़ी में स्थित डीडीहाट बहुत ही शांत मगर बेहद खूबसूरत पहाड़ी नगर है। कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा के मार्ग पर पड़ने वाले इस पहाड़ी शहर से बर्फ से ढकी पंचचूली हिमालय श्रृंखलाओं के मनोरम दृश्य दिखाई देते है। 1725 मीटर की ऊंचाई पर स्थित डीडीहाट में आप शहरी भीड़भाड़ से दूर शांत वातावरण में प्रकृति व कुमाऊँनी संस्कृति को करीब से देख सकते हैं। डीडीहाट में ही बैकुण्ड धाम और भगवान मलयनाथ को समर्पित सिराकोट मंदिर भी है जिसका निर्माण रीका राजाओं ने कराया था। सिराकोट मंदिर की वास्तुकला देखते ही बनती है। डीडीहाट अपने आप में एक तहसील भी है।
हिमालयी यात्राओं की ओर जाने वाले ट्रैकर्स के लिए एक अहम पड़ाव
डीडीहाट नाम दो कुमाउँनी शब्दों “डांडी / डाणा यानि छोटी पहाड़ी” और “हाट यानि छोटा सा बाजार” से मिलकर बना है। हिमालयी यात्राओं की ओर जाने वाले ट्रैकर्स के लिए डीडीहाट एक अहम पड़ाव है जिसमें कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा भी शामिल है। डीडीहाट से नामिक हिमनद (ग्लेशियर) लगभग 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो ट्रैकर्स की पसंदीदा जगह है। प्रसिद्ध कस्तूरी मृग अभयारण्य डीडीहाट नगर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यह मृग अभयारण्य वन्यजीव और प्रकृति प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह स्थान कस्तूरी मृगों (मोस्कस ल्यूकोगैस्टर) के साथ -साथ दुर्लभ वनस्पतियों , विभिन्न प्रकार के पक्षियों और अन्य वन्यजीवों का घर है। कुमाऊं क्षेत्र में स्थित डीडीहाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ – साथ पारंपरिक कुमाऊंनी संस्कृति , रीति -रिवाज , तीज – त्यौहार , खान – पान , सुकून व शांति का एक अद्भुत संगम है।
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समृद्ध कुमाऊँनी सांस्कृतिक को समेटे एक छोटा सा नगर
टेड़े -मेढे धुमावदार रास्ते , ऊँची – नीची पगडंडियां , सीढ़ीनुमा खेत , तेज़ बहती नदियों , घास के जंगल , ऊंचे- नीचे पहाड़ व घाटियां , शांत सुरम्य वातावरण , सीधे -साधे पहाड़ी लोग , मीठी कुमाऊंनी बोली , यही पहचान है डीडीहाट की। डीडीहाट भी उत्तराखंड के अन्य नगरों , कस्बों और गांवों की तरह ही एक समृद्ध कुमाऊँनी सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए है। यहां अभी भी कुछ पुराने पारंपरिक कुमाऊंनी शैली के पत्थर से बने घर मिल जायेंगे जिनकी छत स्लेट की बनी होती है जो पर्यावरण के साथ सामंजस्य बनती हैं। बुराँश , ओक , देवदार के घने जंगल , ऊंचे- नीचे पहाड़ व घाटियां , नदी और ग्लेशियरों से घिरा डीडीहाट सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ -साथ अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। यहाँ राजशाही के अवशेष आज भी देखने को मिल जायेंगे।
क्या करें ?
डीडीहाट का शांत वातावरण प्रकृति प्रेमियों और उत्तराखंड के ग्रामीण जन -जीवन को नजदीक से देखने की चाहत रखने वालों के लिए सुंदर जगह है। यहाँ आपको कैम्पिंग , ट्रैकिंग के अच्छे अवसर मिलेंगे। इसीलिए आस – पास के क्षेत्रों में ट्रैकिंग कीजिए। आप प्रसिद्ध कस्तूरी मृग अभयारण्य भी जा सकते है। खूब फोटोग्राफी कीजिए। पाताल भुनेश्वर , सिराकोट मंदिर व बैकुण्ड धाम मंदिर भी जा सकते है।
डीडीहाट आने का सही समय (Best Time To Visit In Didihat)
डीडीहाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण परिवेश के लिए जाना जाता है। यहाँ गर्मियों में भी बहुत अधिक गर्मी नही रहती है। इसीलिए मौसम सुहाना रहता है। आप गर्मियों में आइये। जाड़ों में बर्फ गिरने से यहाँ ठंड रहती है।
ध्यान में रखने योग्य बातें
डीडीहाट एक शांत सुरम्य स्थान है । पहाड़ी में स्थित होने के कारण यहाँ ज्यादा गर्मी नही रहती है। इसीलिए कुछ गर्म कपड़े अपने साथ अवश्य रखें। जंगल में ट्रैकिंग के लिए एक अच्छी क्वालिटी का जूता पहनें और फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। अगर आप डीडीहाट या पिथौरागढ़ में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
कैसे पहुँचें डीडीहाट ( How To Reach Didihat)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
डीडीहाट प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुन्दर , शांत जगह है। यहाँ पहुंचकर मन में बहुत ही शांति व सुकून का अनुभव होता है। खुली ताजी हवा व शांत सुरम्य वातावरण वाली इस शानदार जगह पर आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आए डीडीहाट
मौसम (Weather)
डीडीहाट में गर्मियों में मौसम बहुत सुहाना रहता है। इसीलिए आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर नवंबर तक कभी भी आ सकते हैं। मगर दिसंबर – जनवरी में ठण्ड रहती है। अगर आप डीडीहाट या पिथौरागढ़ में कुछ दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।