Chitai Golu Devta Temple Almora Uttarakhand
चितई गोलू मन्दिर : लोगों की अटूट आस्था और विश्वास का केंद्र है न्याय के देवता का दरबार।

Chitai Golu Devta Temple Almora Uttarakhand : उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर से सिर्फ 8 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्ग में स्थित है न्याय के देवता चितई गोलू देवता का मंदिर। गोलू देवता को कुमांऊ में “न्याय का देवता” माना जाता हैं। मन्दिर के अन्दर सफेद घोड़े में सवार सिर में सफेद पगड़ी बांधे गोलज्यू महाराज की मूर्ति है। इस मन्दिर में गोलूजी देवता की अध्यक्षता में गौर भैरव के रूप में भगवान शिव भी विराजमान हैं | इस मंदिर का निर्माण एक चंद्रवंशी सेनापति ने 12 वीं शताब्दी में करवाया था। यह मंदिर उत्तराखंड के समस्त लोगों के लिए असीम आस्था , विश्वास और श्रद्धा का केंद्र है। यहां पर लोग दूर-दूर से मन्नत व न्याय मांगने आते हैं। भक्तजन अपनी समस्याओं को एक कागज में लिखकर मंदिर के परिसर में रखकर चले जाते हैं और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो वो दुबारा यहाँ आकर मंदिर में घंटी चढ़ाकर गोलू देवता का आभार प्रकट करते हैं।
न्याय के देवता है गोल्ज्यू महाराज
यूं तो भक्त सालभर चितई गोलू देवता के मंदिर में गोलज्यू महाराज के दर्शन करने व उनका आशीर्वाद लेने आते रहते हैं। लेकिन कुछ लोग यहाँ विशेष तौर पर न्याय मांगने भी आते हैं। दरअसल यहाँ मान्यता है कि जब किसी व्यक्ति को अदालत , कोर्ट-कचहरी या किसी भी अन्य जगह से न्याय नहीं मिलता है तो वो यहां आकर गोलज्यू महाराज के समक्ष अर्जी लगाकर उनसे न्याय की गुहार लगता हैं तो गोलज्यू महाराज उसे अवश्य न्याय दिलाते हैं। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा लिखी गईं लाखों चिट्ठियां बताती हैं कि गोल्ज्यू महाराज के न्याय पर लोगों को कितना भरोसा है। कुछ भक्त तो स्टांप पेपर पर भी अपनी समस्या व मनोकामना लिखकर मंदिर परिसर में रख कर चले जाते हैं। खासबात यह है कि आपको इस मंदिर परिसर में अनगिनत चिठ्ठियों , स्टांप पेपर , असंख्य घंटियों लटकी हुई देखने को मिल जाएंगी। चितई गोलू देवता मंदिर में आने वाले भक्तों की जब मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं तो वो दुबारा यहां आकर घंटी अवश्य चढ़ाते हैं। कई भक्त मंदिर परिसर में भंडारा , प्रसाद वितरण आदि भी करवाते हैं ।
क्या करें।
मंदिर परिसर में शांति से बैठकर पूजा – अर्चना करें। गोलज्यू महाराज का आशीर्वाद लें। मंदिर व उसके आस – पास के क्षेत्रों में भ्रमण करें।आस – पास के ग्रामीण परिवेश को जानें। उत्तराखंडी संस्कृति व रीति -रिवाजों को जानें। स्थानीय लोगों से बात करें। उत्तराखंडी व्यंजनों का आनंद लें।
ध्यान में रखने योग्य बातें
मंदिर परिसर में मंदिर के नियमों का ध्यान रखें। किसी भी वस्तु को बिना अनुमति के न छुएं। जूते चप्पल निर्धारित जगह पर रखें। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें । आप गोलज्यू महाराज के दर्शन करने कभी भी आ सकते हैं। अल्मोड़ा में मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
अवधि
मंदिर परिसर में आप अपने हिसाब से समय बिता सकते हैं।