Dol Ashram Almora Uttarakhand

डोल आश्रम : विश्व का सबसे बड़ा व सबसे भारी श्रीयंत्र स्थापित है उत्तराखंड के इस पांचवे धाम में ।  

Dol Ashram Almora Uttarakhand : शहर की भीड़ – भाड़ व दौड़-भाग भरी जिंदगी से बहुत दूर , ऊंचे – नीचे पहाड़ों के मध्य तथा हरे – भरे घने जंगलों के बीच उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा ब्लॉक में स्थित है ड़ोल आश्रम । प्रदूषण मुक्त ठंडी ताजी खुली हवा , विशाल हरे – भरे पेड़ , पक्षियों का मधुर कलरव तथा प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा कि किसी का भी मन मोह ले। वाकई में प्रकृति के मध्य स्थित इस डोल आश्रम में आने वाले मेहमानों को एक अजीब सी शांति व सुकून का अनुभव होता है। यहां आकर लोग अपने आप को एकदम तरोताजा तथा अपने अंदर एक नई सकारात्मक ऊर्जा को महसूस करते है। हमारी प्राचीन वैदिक परंपरा , रीति रिवाज , सभ्यता व संस्कृति को जानने प्रयास करते है। योग व आध्यात्म से जुड़ने का प्रयास करते है। इसीलिए वो यहां आकर कुछ समय के लिए अपनी सारी परेशानियों व तनाव को भूल जाते हैं।

विश्व का सबसे बड़ा व सबसे भारी श्रीयंत्र  है डोल आश्रम में

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उत्तराखंड का पांचवा धाम ( Dol Ashram)

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डोल आश्रम आने का सही समय (Best Time To Visit Dol Ashram)

ध्यान में रखने योग्य बातें

कैसे पहुँचें डोल आश्रम ( How To Reach Dol Ashram)

डोल आश्रम , अल्मोड़ा शहर से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं और दिल्ली से अल्मोड़ा की दूरी लगभग 378 किलोमीटर हैं। इसीलिए अल्मोड़ा आने वाले ज्यादातर पर्यटक डोल आश्रम तक पहुंचते हैं।
पंतनगर हवाई अड्डे (एकमात्र हवाई अड्डा) से डोल आश्रम सड़क मार्ग से 108 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंतनगर से हल्द्वानी , हल्द्वानी से भीमताल होते हुए आप डोल आश्रम तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
डोल आश्रम से निकटतम रेलवे स्टेशन , हल्द्वानी -काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से डोल आश्रम लगभग 76 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आप मोटर मार्ग से भीमताल होते हुए डोल आश्रम तक पहुंच सकते हैं । रेलवे स्टेशन पर प्राइवेट वाहन हमेशा उपलब्ध रहते हैं।

कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)

क्यों आए डोल आश्रम

आश्रम के आस -पास घूमिये और ठंडी ताजी हवा का मजा लीजिए ।
डोल आश्रम में ध्यान , योग , मेटिटेशन कीजिए व हमारी प्राचीन भारतीय वैदिक सभ्यता व संस्कृति को जानने का प्रयास कीजिए ।
प्रकृति की अद्भुत – कलाकृतियों को नजदीक से देखिये ।
प्रकृति व पहाड़ों का आनंद लीजिए और शांति व सुकून महसूस कीजिए ।

मौसम (Weather)

किसके साथ आए ।

परिवार के साथ आ सकते हैं
नव दम्पत्ति आ सकते हैं ।
दोस्तों के साथ या अकेले भी आ सकते हैं शांति व सुकून के कुछ पल बिताने के लिए।

बोली जाने वाली भाषा (Language )

हिंदी व संस्कृत
अंग्रेजी
कुमाऊँनी

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