Chaukori Pithoragarh Uttarakhand
चौकोड़ी : सूर्योदय के समय यहाँ से दिखता है स्वर्ण हिमालय।


Chaukori Pithoragarh Uttarakhand : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 82 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एक छोटा सा हिमालयी पहाड़ी कस्बा चौकोड़ी। चौकोड़ी एक शानदार पर्यटन स्थल है जो प्राकृतिक रूप बेहद समृद्ध है। यहाँ पर आप ठेठ कुमाऊंनी सभ्यता , संस्कृति व वास्तुकला से रूबरू होंगे। यह कस्बा कुमाऊं मंडल में पश्चिमी हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच बसा है। समुद्रतल से लगभग 2,010 मीटर की ऊंचाई पर बसे चौकोड़ी से हिमालयी पर्वतश्रृंखला की शानदार चोटियां नंदा देवी , नंदा कोट और पंचाचूली पर्वत के आकर्षक दृश्य देखे जा सकते है। चौकोड़ी की सबसे खास बात यह है कि यहाँ से सूर्योदय के समय हिमालय पर्वतमाला पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें देखने लायक होती है। उस समय हिमालय सुनहरे रंग का दिखाई देता है। सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा चौकोरी की खास पहचान है।
ठेठ कुमाँऊनी संस्कृति को समेटे है चौकोड़ी
पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील में स्थित चौकोड़ी की खासियत यह है कि यहाँ आप ऊंचे -ऊँचें हरे – भरे पहाड़ , खूबसूरत चाय के बागान , सीढ़ीदार खेत -खलिहान , पहाड़ी फलों से लदे पेड़ और बर्फ से ढकी पहाड़ियों और हिमालयी चोटियों का एक साथ आनंद उठा सकते है । सूर्योदय की लालिमा जब इन बर्फ से ढके पहाड़ों पर पड़ती है तो ऐसा लगता है मानो जैसे ये सब स्वर्ण से बने हो। यह पूरा क्षेत्र चाय उद्यान और बागों से भरा है। बागानों और पहाड़ों के बीच बहने वाली शांत शीतल ठंडी हवा शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार कर मन को बड़ा सुकून पहुंचती है। आप यहाँ पर ठेठ कुमाऊंनी कला , सभ्यता – संस्कृति , रीति रिवाज , खान – पान , रहन – सहन व पारम्परिक कुमाँऊनी शैली में बने घरों को देख सकते हैं।
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धार्मिक पर्यटन भी है महत्वपूर्ण
विशाल हिमालय की अद्भुत चोटिय़ों और अनमोल वनस्पतियां से घिरे चौकोड़ी में अनेक प्रसिद्द मंदिर भी है जो यहाँ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देते हैं। चौकोड़ी में प्रसिद्ध माँ उल्का देवी मंदिर और घनसेरा देवी मंदिर है। घनसेरा देवी मंदिर में विभिन्न भगवानों की पत्थर पर बनी सुंदर नक्काशी देखने योग्य है। आप गरौण गाँव में स्थित चीड़ के घने जंगलों से घिरे 160 फीट ऊंचे चिनेश्वर वाटरफॉल में भी घूम सकते हैं जो एक बेहद खूबसूरत झरना है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस वाटरफॉल के पीछे भगवान शिव का मंदिर है। इसलिए इस जगह पर पहुंचना कठिन है।
क्या करें ?
चौकोड़ी की हरी-भरी वादियाँ , बुराँश , ओक – देवदार के घने जंगल , पहाड़ी नदियाँ और शांति व सुकून भरा वातावरण आपको एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों , फोटोग्राफरों और खासकर ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए एक आदर्श स्थल है। यहाँ ट्रैकिंग , फोटोग्राफी आदि का आनंद आराम से लिया जा सकता है। चौकोड़ी के आस-पास के पर्यटन स्थलों पर भी जाया जा सकता है । निकटवर्ती गांवों में जाकर आप कुमाऊंनी कला , संस्कृति और परंपराओं को जानने व समझने का प्रयास कर सकते हैं। अगर आप उत्तराखंड और पहाड़ी संस्कृति को और करीब से देखना चाहते हैं तो आप यहां के आसपास के गांवों में जरूर घूमिये।
चौकोड़ी आने का सही समय (Best Time To Visit In Chaukori)
ओक , बुरांश और देवदार के ऊँचें -ऊँचें और घने जंगलों के बीच बसा पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण चौकोड़ी का मौसम हमेशा सुहाना रहता है। आप मार्च से जून तक फिर सितंबर से दिसंबर तक यहाँ आ सकते हैं । वैसे यहाँ वर्ष के किसी भी महीने में आया जा सकता है। चौकोड़ी सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा है।
ध्यान में रखने योग्य बातें
चौकोड़ी देखने लायक खूबसूरत जगह है। चाय के बागानों या अन्य जगहों पर धूमने के लिए एक अच्छी क्वलिटी का जूता अपने पास अवश्य रखिये। पहाड़ी इलाका है। इसीलिए कुछ गर्म कपड़े साथ रखिये। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए । फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें।
कैसे पहुँचें चौकोड़ी ( How To Reach Chaukori)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
चौकोड़ी अपने आप में बहुत ही सुन्दर कस्बा है और उसके आस -पास भी कई सुंदर धूमने लायक जगहें है जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आए चौकोड़ी
मौसम (Weather)
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण चौकोड़ी का मौसम हमेशा ही सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए । फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।