Kausani Bageshwar Uttarakhandd
इस बार की छुट्टियों में चले आइए भारत के स्वीट्जरलैंड कौसानी में।



Kausani Bageshwar Uttarakhand : उत्तराखंड के बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है “भारत का स्वीट्जरलैंड” यानि कौसानी। समुद्रतल से लगभग 1890 मीटर की ऊँचाई पर स्थित कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा है। यहाँ से बर्फ से ढ़की नंदा देवी , त्रिशूल और पंचचूली जैसी चोटियों का 300 किलोमीटर चौड़ा दृश्य बडा ही विराट व भव्य दिखाई देता है। सूर्योदय में जब सूर्य की किरणें हिमालय की इन चोटियां पर पड़ती है तो वो लाल और सुनहरे रंग की दिखाई देती हैं। प्रसिद्ध हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंतजी की जन्मस्थली भी कौसानी ही है। उन्होंने अपनी शुरुआती कविताओं में इसी जगह के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपनी कविताओं में किया है। सर्दियों में बर्फ से ढकी पहाड़ियां और सर्द मौसम आपका दिल खुश कर देगा क्योंकि यहाँ काफी बर्फवारी होती हैं।
ताजी चाय की खुशबू से महका रहता है कौसानी।
कोसी व गोमती नदियों के बीच बसे कौसानी में ब्रिटिश काल का चाय बागान है जहां आज भी ऑर्गेनिक चाय का उत्पादन होता है। कौसानी में कौसानी टी एस्टेट लगभग 208 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह जगह चाय प्रेमियों की पसंदीदा जगह है। पर्यटक कौसानी के चाय बागानों की ताजी व खुशबूदार चाय को चख सकते हैं और खरीद भी सकते हैं। यहां की चाय का जर्मनी , ऑस्ट्रेलिया , कोरिया और अमेरिका में निर्यात किया जाता है। नेचर लवर्स के लिए कौसानी बेहद खूबसूरत जगह है। यहां आप रूद्रधारी फॉल्स व प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। कफ़नी ग्लेशियर, पिंडारी ग्लेशियर , सुंदरधुंगा ग्लेशियर कौसानी के पास ही है। अगर आप ट्रैकिंग के शौक़ीन हैं तो आदि कैलाश ट्रेक , बेस कौसानी ट्रेक , कफ़नी ग्लेशियर ट्रेक की शुरुवात कौसानी से ही होती हैं। आप यहाँ पर ठेठ कुमाऊंनी कला , सभ्यता – संस्कृति , रीति रिवाज , खान – पान , रहन – सहन व पारम्परिक कुमाँऊनी शैली में बने घरों को देख सकते हैं।
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अनासक्ति आश्रम , पंत संग्रहालय , स्टारगेट वेधशाला भी है देखने लायक।
कौसानी के अनासक्ति आश्रम में महात्मा गांधी ने सन 1929 में 12 दिन बिताए थे। इसी दौरान कौसानी के शांत – सुरम्य वातावरण में उन्होंने गीता के श्लोकों का हिंदी में अनुवाद कर “अनासक्ति योग” नाम की एक किताब लिखी। आश्रम में गांधीजी के जीवन से जुड़ी चीज़ें , किताबें , तस्वीरें और एक छोटा सा प्रार्थनास्थल है। इसके अलावा यहाँ गांधीजी की शिष्या सरलाबेन द्वारा 1948 में स्थापित लक्ष्मी आश्रम भी है। इस आश्रम में अनाथ और गरीब लड़कियां रहती हैं जो अपनी पढ़ाई के साथ -साथ सिलाई – बुनाई आदि सीखती है। यहाँ हिन्दी के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंतजी को समर्पित पंत संग्रहालय भी है। जहां उनके दैनिक जीवन से संबंधित वस्तुएं , कविताओं का संग्रह , पत्र , पुरस्कार आदि को रखा गया है। कौसानी मुख्य बाजार से थोड़ी दूरी पर स्टारगेट वेधशाला है जो एक निजी वेधशाला है। यह उन लोगों के लिए अच्छी जगह है जिन्हें ब्रह्मांड को जानने में गहरी रुचि है। यहां आप चंद्रमा , ग्रहों , आकाशगंगाओं आदि का पता लगा सकते हैं। यह एस्ट्रोफोटोग्राफी और तारों के निशानों को कैद करने के लिए भी एक बेहतरीन जगह है।
क्या करें ?
कौसानी में हरी-भरी वादियाँ , हरे – भरे पहाड़ , खूबसूरत चाय के बागान , सीढ़ीदार खेत -खलिहान , पहाड़ी फलों से लदे पेड़ और बर्फ से ढकी पहाड़ियों और हिमालयी चोटियों का एक साथ आनंद उठा सकते है। बैजनाथ मंदिर , कटारमल मंदिर और बागनाथ मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में जा सकते हैं। कौसानी हाथ से बुने हुए ऊनी शॉल , स्वेटर , दस्ताने , टोपियों के लिए लोकप्रिय है जिन्हें आप खरीद सकते हैं। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों , फोटोग्राफरों और खासकर ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए एक आदर्श स्थल है। यहाँ ट्रैकिंग , फोटोग्राफी आदि का आनंद आराम से लिया जा सकता है। निकटवर्ती गांवों में जाकर आप कुमाऊंनी कला , संस्कृति और परंपराओं को जानने व समझने का प्रयास कर सकते हैं। अगर आप उत्तराखंड और पहाड़ी संस्कृति को और करीब से देखना चाहते हैं तो आप यहां के आसपास के गांवों में जरूर घूमिये।
कौसानी आने का सही समय (Best Time To Visit In Kausani)
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कौसानी का मौसम हमेशा सुहाना रहता है। बागानों और पहाड़ों के बीच बहने वाली शांत शीतल ठंडी हवा शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार कर मन को बड़ा सुकून पहुंचती है। आप मार्च से जून तक फिर सितंबर से दिसंबर तक यहाँ आ सकते हैं । वैसे यहाँ वर्ष के किसी भी महीने में आया जा सकता है। कौसानी सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा है।
ध्यान में रखने योग्य बातें
कौसानी देखने लायक खूबसूरत जगह है। चाय के बागानों या अन्य जगहों पर धूमने के लिए एक अच्छी क्वलिटी का जूता अपने पास अवश्य रखिये। पहाड़ी इलाका है। इसीलिए कुछ गर्म कपड़े साथ रखिये। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें।
कैसे पहुँचें कौसानी ( How To Reach Kausani)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
कौसानी अपने आप में बहुत ही सुन्दर कस्बा है और उसके आस -पास भी कई सुंदर धूमने लायक जगहें है जैसे बागेश्वर , गरुड़ – बैजनाथ आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आए कौसानी
मौसम (Weather)
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण कौसानी का मौसम हमेशा ही सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए । फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।