Kausani Bageshwar Uttarakhandd

इस बार की छुट्टियों में चले आइए भारत के स्वीट्जरलैंड कौसानी में।

Kausani Bageshwar Uttarakhand : उत्तराखंड के बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है “भारत का स्वीट्जरलैंड” यानि कौसानी। समुद्रतल से लगभग 1890 मीटर की ऊँचाई पर स्थित कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा है। यहाँ से बर्फ से ढ़की नंदा देवी , त्रिशूल और पंचचूली जैसी चोटियों का 300 किलोमीटर चौड़ा दृश्य बडा ही विराट व भव्‍य दिखाई देता है। सूर्योदय में जब सूर्य की किरणें हिमालय की इन चोटियां पर पड़ती है तो वो लाल और सुनहरे रंग की दिखाई देती हैं। प्रसिद्ध हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंतजी की जन्मस्थली भी कौसानी ही है। उन्होंने अपनी शुरुआती कविताओं में इसी जगह के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपनी कविताओं में किया है। सर्दियों में बर्फ से ढकी पहाड़ियां और सर्द मौसम आपका दिल खुश कर देगा क्योंकि यहाँ काफी बर्फवारी होती हैं।

ताजी चाय की खुशबू से महका रहता है कौसानी।

Similar Places

अनासक्ति आश्रम , पंत संग्रहालय , स्टारगेट वेधशाला भी है देखने लायक।

क्या करें ?

कौसानी आने का सही समय (Best Time To Visit In Kausani)

ध्यान में रखने योग्य बातें

कैसे पहुँचें कौसानी ( How To Reach Kausani)

बागेश्वर से कौसानी 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और दिल्ली से कौसानी 411 किलोमीटर दूर है जबकि अल्मोड़ा से कौसानी की दूरी 52 किलोमीटर है।
पंतनगर हवाई अड्डे (एकमात्र हवाई अड्डा) से कौसानी सड़क मार्ग से 167 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंतनगर से By Road आप कौसानी तक अपने वाहन या किसी भी प्राइवेट वाहन या बस से आसानी से पहुंच सकते हैं।
Nearest Railway Station Is Kathgodam (Haldwani ,Nainital) : काठगोदाम रेलवे स्टेशन से कौसानी 133 किलोमीटर (By Road) दूर है। दिल्ली से काठगोदाम रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से आया जा सकता है । उसके बाद मोटर मार्ग से टैक्सी या बस लेकर कौसानी तक पहुंचा जा सकता है। सभी प्रमुख जगहों से कौसानी के लिए प्राइवेट वाहन या बस हर वक्त उपलब्ध रहती हैं ।

कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)

क्यों आए कौसानी

कौसानी व उसके आस -पास घूमिये और ठंडी ताजी हवा का मजा लीजिए ।
चाय बागानों में घूम सकते है और चाय फैक्‍टरी में जाकर चाय उत्‍पादन के बारे में जानकारी प्राप्‍त की जा सकते है।
स्टारगेट वेधशाला में जाकर तारों को निहार सकते है।
स्थानीय पहाड़ी व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं ।
स्थानीय बाजार से सामान खरीदिये।

मौसम (Weather)

किसके साथ आए ।

परिवार के साथ आ सकते हैं
नव दम्पत्ति आ सकते हैं ।
दोस्तों के साथ।
अकेले भी आ सकते हैं शांति व सुकून के कुछ पल बिताने के लिए।

बोली जाने वाली भाषा (Language )

हिंदी
अंग्रेजी
कुमाऊँनी / नेपाली / स्थानीय भाषा

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