अगर छुट्टियों में सफारी का मजा लेना हो तो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क चले आइए ।


Jim Corbett National Park Ramnagar Nainital Uttarakhand : उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर हिमालय की तलहटी और रामगंगा के आँचल में बसा है भारत का सबसे पुराना और सबसे पहला राष्ट्रीय पार्क , जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क। बाघ संरक्षण परियोजना के तहत आने वाले इस पहले पार्क को 1936 में बिलुप्त होते रॉयल बंगाल टाइगर (Royal Bengal Tiger) के संरक्षण के लिए बनाया गया था। उस समय भारत के गवर्नर मालकम हेली थे। इसीलिए अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध इस पार्क का नाम “हेली नेशनल पार्क” रखा गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इस पार्क का नाम बदल कर “रामगंगा नेशनल पार्क” कर दिया और फिर 1957 में प्रसिद्ध शिकारी , प्रकृतिवादी व संरक्षणवादी पर्यावरणविद जिम कॉर्बेट का नाम इस पार्क को दे दिया। जिम कॉर्बेट जहाँ एक अचूक निशानेबाज थे वही वो प्रकृति व वन्यजीवों के सबसे अच्छे दोस्त भी थे। प्रकृति प्रेमियों , वन्यजीव प्रेमियों और सफारी प्रेमियों के लिए यह पार्क सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। वन्यजीवों को देखने के लिए सीताबनी , ढिकाला , झिरना , मोहन और बिजरानी सबसे अच्छे क्षेत्र हैं।
कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क का पारिस्थितिक तंत्र है बहुत समृद्ध ।
घने जंगलों , घास के मैदानों , नदियों और अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क लगभग 521 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। यह पार्क दो जिलों में फैला हुआ है। पार्क का 312.86 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पौड़ी गढ़वाल जिले में है जबकि 208.14 वर्ग किलोमीटर नैनीताल जिले में आता है। इस अभयारण का पारिस्थितिक तंत्र बहुत समृद्ध है क्योंकि यहाँ अनेक प्रकर के वन्य जीव – जन्तु , पक्षी , विभिन्न प्रकार के पेड़ -पौधे एक साथ निवास करते है। यहाँ बाघ , एशियाई हाथी , भालू , बाघ , सुअर , हिरन , चीतल , साँभर , तेंदुआ , काकड़ , नीलगाय , घुरल आदि की संख्या काफी अधिक है। यह पार्क लगभग 600 से अधिक रंग – बिरंगे पक्षियों , साँपों व सुंदर -सुंदर तितलियों का घर भी है।
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क्यों प्रसिद्ध हैं शिकारी जिम कॉर्बेट
हालाँकि जिम कार्बेट प्रसिद्ध शिकारी , प्रकृतिवादी व संरक्षणवादी पर्यावरणविद के नाम से मशहूर हैं मगर उन्होंने कुमाऊँ के कई आदमखोर शेरों को मारकर सैकड़ों लोगों की जान बचायी और लोगों को बाघ के आतंक से भय मुक्त किया था। जिम कार्बेट एक मशहूर शिकारी भी थे। उनका निशाना बड़ा अचूक था। गढ़वाल मंडल के रुद्र प्रयाग में भी जब एक आदमखोर शेर ने कई लोगों की जानें ले ली तो जिम कार्बेट ने ही उसे मार गिराया था। इसके बाद जिम कार्बेट ने “द मैन ईटर ऑफ रुद्र प्रयाग” नाम की पुस्तक लिखी। जिम कार्बेट वन्य जीवों व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए सदा प्रयासरत रहते थे। जिम कार्बेट पार्क में एक संग्रहालय भी है जिसमें उनसे संबंधित वस्तुएं रखी है।
जिप्सी , कैंटर सफारी , हाथी सफारी का खूब मजा लीजिए।
कार्बेट नेशनल पार्क में आने वाले महमानों का भी ख्याल रखा जाता है। यहाँ मेहमानों के रुकने के लिए मुख्य गेट पर एक अतिथि गृह है जहाँ करीब 200 लोग एक साथ ठहर सकते हैं । यहाँ मेहमानों के खाने -पीने की भी अच्छी व्यवस्था है। हालाँकि प्रशाशन द्वारा कार्बेट टाइगर रिजर्व के कुछ चयनित क्षेत्रों में ही पर्यटन गतिविधि को अनुमति दी जाती है ताकि लोगों को पार्क का असली प्राकृतिक सौंदर्य व अनेक वन्यजीवों को देखने का मौका मिल सके। कॉर्बेट नैशनल पार्क को चार जोन में बाँटा गया है। यहाँ आप सफारी खास कर हाथी सफारी का मजा ले सकते हैं जिसके लिए आप पहले से ही अपनी सफारी टिकट बुक करा सकते हैं। जिम कॉर्बेट में दिन में दो बार सुबह और शाम सफारी की यात्रा की व्यवस्था है। यहाँ जंगल सफारी जिप्सी , कैंटर सफारी और हाथी के द्वारा कराई जाती है। सफारी के लिए प्रवेश द्वार पर सबसे पहले वनविभाग के कर्मचारियों द्वारा पर्यटकों की ID चैक की जाती है जिसके बाद उनको वाहन में बैठा कर एक रोमांचक सफर में ले जाया जाता है। सफारी जिप्सी में एक बार में सिर्फ 6 पर्यटक ही जा सकते है। यहाँ आप देशी व विदेशी जानवरों को एक साथ घूमते हुए देख सकते हैं। बाघ या टाइगर को अपना शिकार खुद करते हुए भी देख सकते हैं ।
क्या करें ?
कार्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी का मजा लीजिए। प्राकृतिक सौंदर्य का मजा लीजिए। अनेक प्रकार के दुर्लभ जानवरों को देखिये। खूब फोटोग्राफी कीजिए और जंगल ट्रेकिंग कीजिए। रामगंगा व कोसी नदी में राफ्टिंग का मजा लीजिए। पार्क के कुछ स्थानों में कैंपिंग की अच्छी व्यवस्था है। आप वहाँ कैंपिंग भी कर सकते हैं।
जिम कॉर्बेट पार्क आने का सही समय (Best Time To Visit In Jim Corbett National Park)
रामगंगा नदी के आँचल में बसे जिम कॉर्बेट पार्क का गेट रामनगर के रेलवे स्टेशन से सिर्फ 12 किमी॰ की दूरी पर है। रामनगर रेलवे स्टेशन से दो पहिया वाहन , छोटी गाड़ियों , टैक्सियों और बसों से पार्क तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। दिल्ली से ढिकाला तक बस आती है। जिम कॉर्बेट पार्क आने का सही समय मार्च से लेकर जून तक और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक है। दिवाली व दशहरे के आसपास और गर्मियों की छुट्टियों के वक्त जिम कॉर्बेट पार्क का मौसम बहुत सुहाना रहता है । अगर आप हल्द्वानी या रामनगर में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।।
ध्यान में रखने योग्य बातें
जिम कॉर्बेट पार्क खतरनाक वन्य जीव -जंतुओं से भरा पड़ा है। इसीलिए वहाँ जिम कॉर्बेट पार्क प्रशाशन द्वारा बनाये गये नियमों का पालन कीजिए। कोई भी गतिविधि करने से पहले वहाँ तैनात वन कर्मियों से अवश्य अनुमति ले लें। जिम कॉर्बेट पार्क में पैदल चलने हेतु अच्छी क्वालिटी का जूता अवश्य पहनें।
कैसे पहुँचें जिम कॉर्बेट पार्क ( How To Reach Jim Corbett National Park)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
जिम कॉर्बेट पार्क अपने आप में बहुत ही सुन्दर प्राकृतिक जगह है । इसके अलावा भी शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है । जैसे रामनगर , हनुमान धाम , गर्जिया देवी मंदिर , नैनीताल , भीमताल , भुजियाघाट , भवाली आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आयें जिम कॉर्बेट पार्क ?
मौसम (Weather)
चारों तरफ हरे -भरे पहाड़ , नदियां व विशाल पेड़ -पौधे होने के कारण जिम कॉर्बेट पार्क का मौसम गर्मियों में भी सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए । फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें । ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।