Gauri Udiyar Cave Temple Bageshwar Uttarakhandd
विवाह पश्चात कैलाश लौटने वक्त शिव-शक्ति ने यही रात्रि विश्राम किया था।


Gauri Udiyar Cave Temple Bageshwar Uttarakhand : उत्तराखंड के बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगभग 8 किमी दूर स्थित है गौरी उडियार गुफा मंदिर। यह एक प्राकृतिक गुफा है जिसका आकार लगभग 20 x 95 वर्ग मीटर है। गौरी उडियार गुफा मंदिर में भगवान शिव की कई मूर्तियाँ लिंग स्वरूप में हैं। दरअसल “उडियार या उढ़ार” एक कुमाँऊनी शब्द है जिसका अर्थ है एक प्राकृतिक गुफा। “गौरी उडियार” नाम का अर्थ है “माँ गौरी / पार्वती का निवास स्थान या मंदिर”। इसीलिए यह गुफा भगवान शिव और माँ गौरा को समर्पित है। गुफा और गुफा के अंदर बने सभी शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बने है। गौरी उडियार गुफा प्रकृति के बीचो -बीच एक पहाड़ी के मध्य में स्थित है। इसीलिए यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य देखने योग्य है जो लोगों को मानसिक शांति प्रदान करता है। वैसे यहाँ सालभर पूजा – अर्चना होती है मगर बैशाख पूर्णिमा और सावन के महीने की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है।
शिव-पार्वती के विवाह से जुड़ी है यह गुफा।
माना जाता है कि विवाह के पश्चात कैलाश लौटने वक्त भगवान शिव और माँ पार्वती ने सभी देवी – देवताओं सहित इसी गुफा में रात्रि विश्राम किया था। यहाँ यह भी मान्यता है कि पांडव अपने वनवास के दौरान यहाँ भी रुके थे। इसीलिए यह गुफा धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। वैसे गौरी उडियार गुफा के अंदर पर्याप्त खुला स्थान है जहाँ श्रद्धालु आराम से बैठकर पूजा अर्चना कर सकते हैं । अन्य प्राकृतिक गुफाओं की तरह ही यह गुफा भी चूने के पत्थरों से बनी है। इसीलिए इस गुफा की छत से लगातार चूने का पानी टपकता रहता है। इसीलिए इसके अंदर कई प्राकृतिक रूप से निर्मित स्टैलेक्टाइट्स और स्टैलेग्माइट्स हैं जो शिवलिंग के आकार के है। यहाँ एक प्राकृतिक कुंड भी है जिसमें सर्दियों में गर्म पानी और गर्मियों में ठंडा पानी रहता है। यह गुफा स्थानीय लोगों के साथ – साथ पर्यटकों लिए भी आस्था का केंद्र है।
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क्या करें ?
गौरी उडियार गुफा में आप गुफा के अलावा प्राकृतिक सौंदर्य का मजा भी ले सकते हैं। आस – पास के पहाड़ी क्षेत्रों में ट्रैकिंग कर सकते है। वैसे बागेश्वर और उसके आसपास कई और स्थान भी है जहाँ आप जा सकते हैं। जैसे नीलेश्वर मंदिर , स्वर्ग आश्रम , चंडिका मंदिर , अग्निकुंड मंदिर , कुकुदा माई मंदिर , शीतला देवी मंदिर , भीलेश्वर धाम , सूरज कुंड आदि। खूब फोटोग्राफी कीजिए और ठंडी ताजी हवा का मजा लीजिए।
गौरी उडियार गुफा आने का सही समय (Best Time To Visit In Gauri Udiyar Cave)
गौरी उडियार गुफा काफी प्राचीन गुफा है जो धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। गौरी उडियार गुफा धूमने का सही समय मार्च से लेकर जून तक और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक है। दिवाली व दशहरे के आसपास और गर्मियों की छुट्टियों के वक्त गौरी उडियार गुफा मंदिर / बागेश्वर का मौसम बहुत सुहाना रहता हैं । अगर आप बागेश्वर में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान में रखने योग्य बातें
गौरी उडियार गुफा मंदिर बहुत ही प्राचीन गुफा मंदिर व पवित्र स्थल है। इसीलिए मंदिर परिसर में मंदिर के नियमों का पालन कीजिए। जूते -चप्पल निर्धारित जगह पर रखें। गुफा परिसर में शान्ति बनाएं रखें। गुफा तक पहुँचने के लिए थोड़ा पैदल भी चलना पड़ेगा। इसीलिए अच्छी क्वालिटी का जूता पहनें।
कैसे पहुँचें गौरी उडियार गुफा मंदिर ( How To Reach Gauri Udiyar Cave Temple )
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
गौरी उडियार गुफा मंदिर अपने आप में बहुत ही सुन्दर जगह है । इसके अलावा बागेश्वर शहर के आस -पास भी कई सुंदर धूमने लायक जगहें है । जैसे गरुड़ , बैजनाथ , कौसानी आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आयें गौरी उडियार गुफा मंदिर
मौसम (Weather)
गौरी उडियार गुफा मंदिर का मौसम गर्मियों में सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए । फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें । ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।