Gangnani Uttarkashi Uttarakhand

इस कुंड के जादुई गर्म पानी से दूर होते हैं चर्म रोग।

Gangnani Uttarkashi Uttarakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के उत्तरकाशी शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर गंगोत्री धाम जाने वाले मार्ग के बीच में स्थित है एक छोटा सा कस्बा गंगनानी और यह गंगनानी प्रसिद्ध है अपने गर्म पानी के स्रोतों व जलकुंड के लिए। गर्म पानी के इस जलकुंड को ऋषिकुंड भी कहा जाता है। इस कुंड का पानी सालभर गर्म रहता है। गंगोत्रीधाम जाने वाले अधिकांश लोग इस प्राकृतिक गर्म जलकुंड के पास रुक कर स्नान अवश्य करते हैं। दरअसल इस जलकुंड के पानी में प्रचुरमात्रा में गंधक और सल्फर उपस्थित है। माना जाता है कि इस गर्म जलकुंड के पानी में स्नान करने से शरीर के कई चर्म रोग जैसे दाद -खाद , खजली आदि दूर हो जाते हैं। गंगानानी में एक नहीं बल्कि दो जलकुंड (वशिष्ठ कुंभ और व्यास कुंड) है। वशिष्ठ कुंभ में महिलाएं स्नान करती है जबकि पुरुष व्यास कुंड में स्नान करते हैं। हर साल बसंत पंचमी के दिन यहां “कुंड मेला या बसंतोत्सव” मेला लगता हैं।

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यह भूमि महर्षि पराशर की तपस्थली है।

क्या करें ?

गंगनानी आने का सही समय (Best Time To Visit In Gangnani)

ध्यान रखने योग्य बातें

कैसे पहुँचें गंगनानी ( How To Reach Gangnani)

Uttarkashi From Delhi  – दिल्ली से उत्तरकाशी लगभग 408 किलोमीटर (By Road) दूर है । उत्तरकाशी से गंगनानी 45 किलोमीटर की दूरी पर है। हर्षिल से 30 किलोमीटर और गंगोत्री से 52 किलोमीटर दूर है।
Nearest Railway Station Is Rishikesh  – ऋषिकेश से उत्तरकाशी महज 162 किलोमीटर दूर है। दिल्ली या किसी भी शहर से ऋषिकेश तक ट्रेन से आया जा सकता है । उसके बाद मोटर मार्ग से टैक्सी या बस लेकर उत्तरकाशी तक आराम से पहुंचा जा सकता है। सभी प्रमुख जगहों से उत्तरकाशी के लिए प्राइवेट वाहन या बस हर वक्त उपलब्ध रहती हैं। आप ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से भी बस या टैक्सी लेकर उत्तरकाशी या गंगनानी तक पहुँच सकते हैं।
Nearest Airport Jolly Grant Airport Dehradun) – देहरादून से उत्तरकाशी महज 168 किलोमीटर दूर है। किसी भी शहर से देहरादून हवाई अड्डे तक हवाई मार्ग से आया जा सकता है । उसके बाद मोटर मार्ग से टैक्सी या बस लेकर उत्तरकाशी या गंगनानी तक पहुंचा जा सकता है।

कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)

क्यों आयें गंगनानी ?

गर्म पानी के कुंड में नहाइये और चर्म रोगों में आराम पाइये।
प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लीजिए ।
ऋषि पराशर का मंदिर देखिये ।
ट्रेकिंग व रोमांच का आनंद लीजिए ।
गढ़वाली व्यंजनों का स्वाद लीजिए और आसपास के गाँवों में घूमिये।

किसके साथ आए ।

परिवार के साथ आ सकते हैं
नव दम्पत्ति आ सकते हैं ।
दोस्तों के साथ आइए ।
अकेले भी आ सकते हैं शांति व सुकून के कुछ पल बिताने के लिए।

बोली जाने वाली भाषा (Language )

हिंदी
अंग्रेजी
गढ़वाली / स्थानीय भाषा

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