Shani Dev Temple In Kharsali Uttarkashi Uttarakhand
चमत्कारों से भरा है शनिदेव महाराज का यह पांडव कालीन प्राचीन मंदिर ।


Shani Dev Temple In Kharsali Uttarkashi Uttarakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के उत्तरकाशी शहर से लगभग 123 किलोमीटर दूर यमुना नदी के किनारे स्थित है एक शांत , सुरम्य और प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत गाँव खरसाली (खुशीमठ)। यह गाँव सांस्कृतिक , धार्मिक व आध्यात्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इसी खरसाली गाँव में ही स्थित है सूर्यपुत्री माँ यमुना का शीतकालीन धाम और उनके भाई शनिदेव महाराज का बहुत प्राचीन मंदिर। समुंद्रतल से लगभग 7,000 फिट की ऊंचाई में स्थित इस मंदिर का निर्माण पांडवों के द्वारा किया गया था। किसी प्राचीन किले स्वरूप का यह मंदिर चार मंजिला है जिसमें शनिदेव महाराज की कांस्य प्रतिमा के साथ – साथ संज्ञा , छाया और नागदेवता की प्रतिमायाँ शीर्ष मंजिल पर विराजमान है। लकड़ी व पत्थर से बना यह मंदिर भारत का सबसे प्राचीन शनि मंदिर है। मंदिर में एक अखंड ज्योति लगातार जलती रहती है। शनिदेव महाराज को पूरी गीठ पट्टी के लोग अपने ईष्ट देव स्वरूप पूजते हैं और कोई भी कार्य करने से पहले उनकी इजाजत अवश्य लेते हैं।
चमत्कारों से भरा है शनिदेव महाराज का यह मंदिर ।
शनिदेव महाराज का यह मंदिर चमत्कारों से भरा है। इस मंदिर में एक अखंड ज्योति लगातार जलती रहती है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े ही चमत्कारिक ढंग से मंदिर में रखे दो कलश रिखोला व पिखोला अपने आप बदल जाते है। शीतकाल में खरसाली में भयंकर बर्फवारी होती है जिस वजह से शनि मंदिर के कपाट बंद (दिसंबर) कर दिए जाते है मगर वैशाखी के पावन पर्व (अप्रैल) पर शनिदेव महाराज के मंदिर के कपाट फिर भक्तों के दर्शनाथ खोल दिए जाते हैं। समुंद्रतल से लगभग 2500 मीटर की ऊंचाई में स्थित इस गाँव को माँ यमुना के मायके के रूप में भी जाना जाता है। सावन महीने की संक्रांति के दिन यहाँ तीन दिवसीय शनि मेला भी लगता है । मंदिर में शनिदेव महाराज को उरद की दाल और काले चने चढ़ाये जाते हैं। खरसाली गाँव में शनि महाराज के दो मंदिर है एक पांडव कालीन प्राचीन मंदिर और दूसरा देवदार की लकड़ी से निर्मित नया मंदिर (सोमेश्वर मंदिर) । दोनों ही मंदिर आमने -सामने हैं। खरसाली से यमुनोत्री धाम सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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हर साल अपनी बहन माँ यमुना को ससम्मान लाने यमुनोत्री धाम जाते है शनिदेव महाराज ।
अपनी बहन माँ यमुना को सम्मानपूर्वक खरसाली गाँव लाने के लिए शनिदेव महाराज हर साल यमुनोत्री धाम जाते हैं । शीतकाल में भारी बर्फवारी के कारण यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो जाते है। तब भाईदूज के पावन दिन (दीपावली पर्व में) शनिदेव महाराज (शनिदेव का डोला) अपनी बहिन माँ यमुना को लाने यमुनोत्री धाम जाते हैं और फिर अपनी बहन माँ यमुना को पूरे सम्मान के साथ खरसाली गाँव लाते हैं। यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर वो पुन: माँ यमुना को छोड़ने यमुनोत्री धाम भी जाते हैं मगर शाम को खरसाली स्थित अपने मंदिर में लौट आते हैं । खरसाली गाँव में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। उस समय खरसाली गाँव में उत्सव का माहौल रहता है।
क्या करें ?
माँ यमुना के दर्शन कर उनकी पूजा अर्चना कीजिए। खरसाली से बन्दरपूँछ , कालिंदी , माला और सप्तऋषि पर्वतों को देखिये। खरसाली गाँव में धूमें और वहाँ के खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य का मजा लीजिए। आस – पास के क्षेत्रों में ट्रेकिंग कीजिए। जाड़ों में खरसाली गाँव का तापमान शून्य से नीचे चला जाता है । इसीलिए गर्म कपड़े साथ रखना न भूलें। खूब फोटोग्राफी कीजिए। इसके अलावा आप यमुनोत्री धाम , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली आदि भी जा सकते हैं।
शनि मंदिर आने का सही समय (Best Time To Visit In Shani Temple Kharsali Village)
चारों तरफ हरे -भरे घने जंगल , यमुना नदी , ऊँचे – ऊँचे पहाड़ व हिमालय की तलहटी होने के कारण खरसाली गाँव का मौसम गर्मियों में भी सुहाना रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून और फिर सितंबर – अक्टूबर तक कभी भी आ सकते हैं। बर्फवारी देखनी हो तो जाड़ों में आइये। अगर आप खरसाली गाँव में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।।
ध्यान रखने योग्य बातें
जाड़ों में खरसाली गाँव का तापमान शून्य से नीचे चला जाता है । इसीलिए गर्म कपड़े साथ रखना न भूलें। खरसाली गाँव में पैदल चलने के लिए एक अच्छी क्वालिटी का जूता अवश्य पहनें। अगर आप खरसाली गाँव में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए ।
कैसे पहुँचें शनि मंदिर खरसाली गाँव ( How To Reach Shani Temple Kharsali Village)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
यमुना नदी के किनारे स्थित खरसाली गाँव अपने आप में बहुत ही सुन्दर प्राकृतिक जगह है जो देखने लायक है । इसके अलावा भी गाँव के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे यमुनोत्री धाम , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।