Purnagiri Temple Tanakpur Champawat Uttarakhand

पूर्णागिरी मंदिर : 51 शक्तिपीठों में से एक है माँ पूर्णागिरि मंदिर।

Purnagiri Temple Tanakpur Champawat Uttarakhand : उत्तराखंड के चंपावत जिले के टनकपुर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर अन्नपूर्णा पर्वत शिखर पर स्थित है माँ पूर्णागिरि का पवित्र शक्तिपीठ | समुद्रतल से लगभग 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित पूर्णागिरी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है जिसकी आराध्या देवी माँ महाकाली हैं । ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर दक्ष प्रजापति की पुत्री और शिव की अर्धांगिनी माता सती की नाभि गिरी थी। पूर्णागिरी को पुण्यगिरि के नाम से भी जाना जाता है। शारदा नदी (काली नदी) के किनारे अन्नपूर्णा पर्वत की चोटी पर स्थित यह पूर्णागिरी मंदिर अपने चमत्कारों के लिए प्रसिध्द है। वैसे तो यहाँ साल भर लोग माता के दर्शन करने आते रहते हैं मगर मार्च-अप्रैल माह में पड़ने वाली चैत्र नवरात्रि की तो बात ही अलग है। उस समय यहाँ भक्तों का मेला लगा रहता है।

सपनों में प्रकट हुई मां पूर्णागिरि।

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क्या करें ?

माँ पूर्णागिरि मंदिर आने का सही समय (Best Time To Visit In Purnagiri Temple)

ध्यान में रखने योग्य बातें

कैसे पहुँचें पूर्णागिरी मंदिर ( How To Reach Purnagiri Temple)

पूर्णागिरी मंदिर , टनकपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और दिल्ली से टनकपुर की दूरी 329 किलोमीटर है।
पंतनगर हवाई अड्डे (एकमात्र हवाई अड्डा) से टनकपुर सड़क मार्ग से 93 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंतनगर से By Road आप टनकपुर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यहाँ से आप किसी भी प्राइवेट वाहन से ठूलीगाड़ होते हुए टुन्यास तक आराम से पहुँच सकते हैं। इसके बाद लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़ कर आप पूर्णागिरी मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
टनकपुर रेलवे स्टेशन से आप किसी भी प्राइवेट वाहन से ठूलीगाड़ होते हुए टुन्यास तक आराम से पहुँच सकते हैं। इसके बाद लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़ कर आप पूर्णागिरी मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
सभी प्रमुख शहरों से टनकपुर तक बस व रेलवे सेवा उपलब्ध है और हवाई सेवा पंतनगर (नैनीताल) तक उपलब्ध है।

कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)

क्यों आए पूर्णागिरी मंदिर।

माँ काली के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लीजिए
मंदिर जाने वाले पैदल मार्ग का आनंद लीजिए व फोटोग्राफी कीजिए।
टनकपुर के स्थानीय बाजार से खरीददारी कीजिए।
प्रकृति व पहाड़ों का आनंद लीजिए ।
कुमाँऊनी व स्थानीय व्यंजनों का आनन्द लीजिए।

मौसम (Weather)

किसके साथ आए ।

परिवार के साथ आ सकते हैं
नव दम्पत्ति अपने सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद लेने आ सकते हैं ।
दोस्तों के साथ।
अकेले भी आ सकते हैं माता के दर्शन करने ।

बोली जाने वाली भाषा (Language )

हिंदी
अंग्रेजी
कुमाऊँनी

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