Nachiketa Tal Uttarkashi Uttarakhand
ऋषिकुमार नचिकेता की तपस्थली व यमद्वार देखना हो तो शौक से यहाँ चले आइये।
Nachiketa Tal Uttarkashi Uttarakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के उत्तरकाशी शहर से लगभग 33 किलोमीटर दूर स्थित है आध्यात्मिक व पौराणिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण क्रिस्टल जैसी साफ मीठे पानी की झील जिसे नचिकेता ताल के नाम से जाना जाता है। यह पवित्र पावन भूमि ऋषिकुमार नचिकेता की तपस्थली है । माना जाता है कि इसी स्थान पर ऋषि उद्धालक के पुत्र नचिकेता को मृत्यु से संबंधित अपने सभी प्रश्नों का जवाब यमराज से मिला था । समुद्रतल से लगभग 2450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील हरे भरे चीड़ , बांझ और बुरांश के घने जंगलों से घिरी हुई है। हिमालय की शानदार चोटियाँ यहां से साफ दिखाई देती हैं । इस झील का पानी इतना साफ है कि झील के किनारे के वृक्षों व पहाड़ों की छाया तालाब में साफ़ दिखाई पड़ती है। जैव विविधता से समृद्ध यह स्थान कई प्रकार के पक्षियों व जानवरों का सहज प्राकृतिक आवास है। झील के पास ही नाग देवता का एक छोटा सा मंदिर है और झील से कुछ ही दूरी पर एक गुफा भी है जिसे यमद्वार कहा जाता है । करीब एक किलोमीटर में फैली और 200 मीटर लंबी तथा 30 मीटर चौड़ी यह एक अंडाकार झील है जिसकी गहराई लगभग 7 मीटर है ।
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झील के पास ही मौजूद है यमद्वार ।
नचिकेता झील का जिक्र हमारे कठोपनिषद पुराण में भी आता है। यह पवित्र झील ऋषिकुमार नचिकेता की तपस्थली मानी जाती है। माना जाता है कि इसी जगह पर उन्होंने कठोर तपस्या कर यमराज को प्रसन्न किया और जन्म व मृत्यु से संबंधित अपने सभी प्रश्नों का उत्तर पाया था। इस झील के पास एक गुफा भी है जिसे यमद्वार कहा जाता है। माना जाता है कि इसी गुफा से होकर यमराज नचिकेता के पास आए थे और उन्होंने ऋषिकुमार के सारे सवालों का जवाब देकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया था। झील के पास ही एक नाग देवता का मंदिर भी है जो स्थानीय लोगों की असीम आस्था व विश्वास का केंद्र है। नाग पंचमी के दिन स्थानीय ग्रामीण यहां आकर इस पवित्र झील में स्नान कर नाग देवता की पूजा आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण इस झील की लोग परिक्रमा भी करते हैं । हरे -भरे जंगलों तथा भव्य पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित यह झील आंखों को बेहद सुकून व मन को असीम शांति प्रदान करती है।
क्या करें ?
झील के समीप बैठकर उसकी भव्यता व गहराई को महसूस कीजिए। झील में रहने वाली मछलियों को दाना दीजिए । साथ में नाग देवता के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लीजिए। यमद्वार देखिए तथा झील के आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य व ठंडी ताजी हवा का मजा उठाइए। उत्तरकाशी घूमिये। आस – पास के क्षेत्र जैसे सप्तऋषि कुंड ट्रैक में ट्रेकिंग का मजा लीजिए। खूब फोटोग्राफी कीजिए। इसके अलावा आप यमुनोत्री धाम, शनि मंदिर , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली , खरसाली , जानकीचट्टी , हनुमानचट्टी , सूर्यकुंड , दिव्यशिला , डोडीताल आदि भी जा सकते हैं।
नचिकेता झील आने का सही समय (Best Time To Visit Nachiketa Tal)
यह झील धार्मिक , पौराणिक व आध्यात्मिक रूप से तो महत्वपूर्ण है लेकिन इस झील का शांत और सुरम्य वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसीलिए यह ताल ट्रैकिंग व कैंपिंग के शौक़ीनों , पक्षी प्रेमियों , प्रकृति प्रेमियों व पिकनिक बनाने वालों के लिए बहुत खास है। यहां से बन्दरपूँछ चोटी को साफ़ देखा जा सकता है। यह स्थान अपने आप में समृद्ध जैव विविधता को समेटे हुए हैं। इसीलिए यहां पर अनेक पक्षियों , जीव – जंतुओं की मधुर धवनि हर वक्त सुनाई देती है। आप यहां मार्च से लेकर जून और फिर सितंबर – अक्टूबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान रखने योग्य बातें ।
नचिकेता झील का वातावरण एकदम शांत , सुरम्य और मन को असीम शांति प्रदान करने वाला है। यह स्थान हरियाली व प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। इसीलिए झील के आस- पास कूड़ा ना फैलाएं। नियमों का पालन करें। एकांत तथा शहर से दूर होने के कारण यहां पर खाने-पीने का सामान सहज नहीं मिल पाता है। इसलिए कुछ फल – फूल या खाने की कुछ वस्तुऐं अपने साथ ले जा सकते हैं। लगभग तीन किलोमीटर का रास्ता पैदल तय करने के बाद इस झील तक पहुंचा जा सकता है लेकिन यह पूरा ट्रैक बहुत ही सुंदर व घने जंगलों से होकर गुजरता है। अच्छी क्वालिटी के जूते अवश्य पहनें। मन में सुकून व शांति का अनुभव कीजिए। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
कैसे पहुँचें नचिकेता ताल ( How To Reach Nachiketa Tal)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
नचिकेता झील अपने आप में बहुत ही सुन्दर , पवित्र व आध्यात्मिक स्थान है। यहाँ एक अजीब सी शांति व सुकून का अनुभव होता है। इसके अलावा भी उत्तरकाशी के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे यमुनोत्री धाम, शनि मंदिर , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
