KedarKantha Trek Uttarkashi Uttarakhand
अगर आप ट्रैकिंग व कैम्पिंग के शौक़ीन हैं तो इस बार Queen Of Winter Treks में ट्रैकिंग का मजा लीजिए।
KedarKantha Trek Uttarkashi Uttarakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के उत्तरकाशी शहर से लगभग 175 किलोमीटर दूर स्थित है केदारकांठ (भगवान भोलेनाथ का कंठ /गला) चोटी । केदारकांठा चोटी अपने रोमांचक व शानदार शीतकालीन ट्रैकिंग रूट के लिए जानी जाती है। यह ट्रेक ट्रैक्टर्स के बीच में “विंटर ट्रैक्स की रानी” के नाम से प्रसिद्ध है। समुद्रतल से लगभग 3,800 मीटर (12,500 फीट) की ऊंचाई पर स्थित इस ट्रैक को देवदार , ओक और बुरांश के घने जंगल , बर्फ से ढके टेढ़े-मेढ़े , ऊंचे -नीचे रास्ते , बर्फ से ढकी सुंदर चोटियां , कानों को छूकर गुजरती ठंडी बर्फीली हवा , हिमालयन पक्षियों की मधुर आवाज , वन्यजीवों का कोलाहल और सूखे पत्तों की सरसराहट और भी शानदार बनाती है। यह शीतकालीन ट्रैक प्रसिद्ध गोविंद नेशनल पार्क क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। इस ट्रैक की शुरुआत एक खूबसूरत गढ़वाली गांव सांकरी से होती है। समृद्ध जैव विविधता को समेटे लगभग 20 किलोमीटर के इस शानदार ट्रैक को पार करके जब ट्रैकर केदरकांठा चोटी पर पहुंचते हैं तो वहां स्वर्गरोहिणी, बदरपूंछ और काला नाग जैसी चोटियों का भव्य व शानदार नजारा और सूर्योदय और सूर्यास्त का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। सर्दियों में दिन में यहां का तापमान लगभग 8 डिग्री सेल्सियस तथा रात में लगभग – 3 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। यह पूरा वन्यजीव अभ्यारण काले भालू , हिरण , सांभर , तेंदुआ , काकड़ ,जंगली सूअर , लँगूर , खरगोशों जैसे वन्यजीवों का सहज प्राकृतिक आवास है। यहां स्नोको , चकोर और मैगपाई जैसे हिमालयन पक्षियों को आराम से देखा जा सकता है।
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जूड़ा तालाब भी है इस ट्रैक का एक मुख्य आकर्षण।
वैसे तो केदारकांठा चोटी तक जाने के कई रास्ते हैं मगर अधिकतर लोग इस ट्रैक की शुरुआत एक खूबसूरत गढ़वाली गांव सांकरी से करते हैं। सांकरी गाँव से लगभग 4 किलोमीटर आगे केदारकांठा चोटी की तरफ जाने वाले रास्ते में पड़ने वाला जूड़ा तालाब पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। सर्दियों में यह तालाब पूरी तरह से बर्फ से ढक जाता है यानि तालाब का पानी जम जाता है और आस -पास का क्षेत्र भी बर्फ से ढक जाता है जो तालाब की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। यहां से आप दून की घाटी , रुपिन की घाटी , गंगोत्री और यमुनोत्री पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन आराम से कर सकते है। यहां मोबाइल नेटवर्क नहीं पकड़ता है। इसीलिए ट्रैकर्स यहाँ प्रकृति के बहुत करीब होकर उसका आनंद उठाने लगते हैं। खासकर कैंपिंग के शौकीनों लिए तो यह एक शानदार जगह है। बहुत एकांत , बहुत शांत और प्रकृति के बहुत करीब। दूरवीन के माध्यम से आप अपनी रात साफ़ आसमान में तारे गिनते हुए बिता सकते हैं। स्नो ट्रैक्टर्स के लिए केदरकांठा सबसे अच्छा ट्रैक है। ट्रैकिंग के लिए सबसे अच्छा समय दिसंबर से अप्रैल तक माना जाता है क्योंकि उस समय यहां बर्फबारी होती है जिस वजह से यह पूरा क्षेत्र बहुत खूबसूरत हो जाता है। बर्फ से ढके पेड़ क्रिसमस ट्री का रूप लेते हैं और आस – पास भी बर्फ ही बर्फ। जूड़ा तालाब के जमे पानी में जब सूर्य की किरणें पड़ती है तो वह किसी दर्पण की भाँति चमक उठता है। रास्ते व पर्वत की चोटियाँ भी पूरी तरह से बर्फ से ढक जाती है। वैसे आप यहाँ गर्मियों में भी ट्रैकिंग कर सकते हैं ।
क्या करें ?
दून की घाटी , रुपिन की घाटी , स्वर्गरोहिणी , बंदरपूंछ और काला नाग , गंगोत्री और यमुनोत्री पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन कीजिए। जूड़ा तालाब के पास कैंपिंग का मजा लीजिए। रास्ते में पड़ने वाले पारंपरिक गढ़वाली गाँवों के ग्रामीण जीवन , लकड़ी के पारंपरिक घरों को देखिये। ग्रामीण गढ़वाली सभ्यता – संस्कृति व तीज -त्यौहारों को जानने का प्रयास कीजिए। उत्तरकाशी घूमिये। भागीरथी नदी व उत्तरकाशी के खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य का मजा लीजिए। आस – पास के क्षेत्र जैसे सप्तऋषि कुंड ट्रैक में ट्रेकिंग का मजा लीजिए। खूब फोटोग्राफी कीजिए। इसके अलावा आप यमुनोत्री धाम, शनि मंदिर , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली , खरसाली , जानकीचट्टी , हनुमानचट्टी , सूर्यकुंड , दिव्यशिला आदि भी जा सकते हैं।
केदरकांठा ट्रैक आने का सही समय (Best Time To Visit KedarKantha Trek)
यह एक शीतकालीन ट्रैक है। इसीलिए यहाँ ट्रैकिंग के लिए सबसे अच्छा समय दिसंबर से अप्रैल तक माना जाता है क्योंकि उस समय यहां जमकर बर्फबारी होती है। उस वक्त यहाँ दिन में आसमान एकदम साफ रहता है और तापमान लगभग 8 डिग्री सेल्सियस तक होता है मगर रात में यह -3 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान रखने योग्य बातें ।
दिसंबर से अप्रैल तक यहां बर्फबारी होती है और ठण्ड बहुत रहती है। इसीलिए आप अपने साथ गर्म कपड़े अवश्य रखिये। अच्छी क्वालिटी का जूता पहनिये। कुछ आवश्यक दवाइयाँ व पहचान पत्र अपने साथ अवश्य रखिये। किसी अनुभवी गॉइड के साथ ही सफर शुरू कीजिए। ट्रैकिंग की शुरुआत सांकरी गाँव से होती है। फिर सांकरी गाँव से जूड़ा तालाब , केदारकांठा बेस कैम्प और फिर केदारकांठा चोटी तक पहुँचते हैं जबकि वापसी में केदारकांठा चोटी से हरगाँव होते हुए सांकरी तक आया जाता है। यह लगभग 20 किलोमीटर का पूरा सफर ट्रैकिंग के द्वारा ही पूरा किया जाता है। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
कैसे पहुँचें केदरकांठा ट्रैक ( How To Reach KedarKantha Trek)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
केदारकांठा ट्रैक रूट में लगभग 6 से 7 दिन लग जाते हैं। मगर केदारकांठा चोटी में पहुँचकर एक अजीब सी शांति व सुकून का अनुभव होता है। यह पूरा ट्रैक आपको अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य , सुन्दर जंगली फूलों , घने जंगलों , अनेक वन्यजीवों व हिमालयन पक्षियों से रूबरू कराता है। वैसे उत्तरकाशी के आस -पास भी कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे यमुनोत्री धाम, शनि मंदिर , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
