Gangotri Temple Uttarkashi Uttarakhand
हिमालय का सबसे बड़ा , सबसे भव्य और विराट ग्लेशियर देखना हो तो यहाँ चले आइये।
Gangotri Glacier Uttarkashi Uttarakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के उत्तरकाशी शहर से लगभग 97 किलोमीटर दूर स्थित है हिन्दुओं का पवित्र गंगोत्री धाम जहाँ सफेद संगमरम के पत्थर से निर्मित माँ गंगा का दिव्य व भव्य गंगोत्री मंदिर है। गंगोत्री धाम से लगभग 19 किलोमीटर की दूरी पर गौमुख स्थित है जो भागीरथी नदी (गंगा) का उद्गम स्थान है। गौमुख , गंगोत्री ग्लेशियर के ठीक नीचे तलहटी में स्थित है जो हिमालय के सबसे बड़े ग्लेशियरों में से एक है जिसकी लंबाई 30 किलोमीटर और चौड़ाई 4 किलोमीटर है। गंगोत्री ग्लेशियर का आयतन लगभग 27 घन किमी माना जाता है। गंगोत्री ग्लेशियर का अंतिम छोर गौमुख नामक स्थान है जो किसी गाय के मुख के समान दिखता है। गौमुख को सदियों से हिन्दू धर्म का एक पवित्र तीर्थ स्थान माना गया है। गंगोत्री ग्लेशियर के आस – पास गंगोत्री पर्वत समूह की शिवलिंग , थलै सागर , मेरु , भागीरथी तृतीय और चौखम्बा पर्वत श्रृंखलाएं हैं जिसमें चौखम्बा सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है। गंगोत्री ग्लेशियर इसी चौखम्बा पर्वतमाला के उत्तरी ढलान में एक सर्ग से शुरू होता है। इन सभी पर्वत श्रृंखलाओं में ट्रैकिंग करना बहुत कठिन है। यह पूरा क्षेत्र विराट गढ़वाल हिमालय के अंतर्गत आता है।
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गंगोत्री धाम में है माँ गंगा का पवित्र गंगोत्री मंदिर ।
उत्तरकाशी शहर से लगभग 97 किलोमीटर दूर गंगोत्री धाम स्थित है जहाँ सफेद संगमरम के पत्थर से निर्मित माँ गंगा का एक बहुत सुंदर व पवित्र गंगोत्री मंदिर है। मंदिर के गर्भगृह में माँ गंगा के साथ – साथ मां यमुना , मां अन्नपूर्णा , मां सरस्वती , मां लक्ष्मी और राजा भगीरथ भी विराजमान है। लगभग 3,100 मीटर (10,200 फीट) की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गंगोत्री मंदिर नागर शैली में बना है जो भागीरथी नदी के बायें किनारे पर स्थित है। यह उत्तराखंड के चार धामों में से एक पवित्र धाम है। गंगोत्री ग्लेशियर , गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है। गंगोत्री धाम से गौमुख तक ट्रैकिंग करके आराम से पहुँचा जा सकता है। कुछ साहसी ट्रैकर्स गंगोत्री धाम से गौमुख और फिर गौमुख से तपोवन तक की रोमांचकारी व साहसिक ट्रैकिंग भी करते हैं। हिमालयी क्षेत्र होने के कारण जाड़ों में यह स्थान पूरी तरह बर्फ से ढक जाता है जिस कारण गंगोत्री धाम के कपाट 6 महीने के लिए बंद हो जाते हैं और माँ गंगा को पूरे धार्मिक रीति रिवाजों के साथ मुखवा गाँव स्थित मुखवा मंदिर लाया जाता हैं। मुखवा गाँव को माँ गंगा का मायका भी माना जाता है।
क्या करें ?
गंगोत्री ग्लेशियर के अंतिम छोर गौमुख में जीवनदायिनी माँ भागीरथी का उद्गम स्थान देखिये। गंगोत्री ग्लेशियर के आस – पास गंगोत्री पर्वत समूह की शिवलिंग , थलै सागर , मेरु , भागीरथी तृतीय और चौखम्बा पर्वत श्रृंखलाएं को देखिये। गंगोत्री धाम व उसके आस -पास के प्राकृतिक सौंदर्य का मजा लीजिए। गंगोत्री धाम से गौमुख और फिर गौमुख से तपोवन (एक घास का मैदान) तक की रोमांचकारी व साहसिक ट्रैकिंग कीजिए। पर्वतारोहण , ट्रैकिंग , कैंपिंग , राफ़्टिंग का मजा लीजिए। खूब फोटोग्राफी कीजिए । इसके अलावा भी गंगोत्री धाम व उत्तरकाशी शहर के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे विश्वनाथ मंदिर , यमुनोत्री धाम , शनि मंदिर , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली , डोडीताल , नचिकेताताल , कुटेटी देवी मन्दिर , नेलांग घाटी आदि जहाँ आप जा सकते हैं। आप दयारा बुग्याल , केदारकांठा , डोडीताल तक ट्रैकिंग भी कर सकते हैं।
गंगोत्री ग्लेशियर आने का सही समय (Best Time To Visit In Gangotri Glacier)
गंगोत्री ग्लेशियर वाला पूरा क्षेत्र गढ़वाल हिमालय के अंतर्गत आता है। जाड़ों में यह पूरा क्षेत्र बर्फ से ढक जाता है । यहाँ तक कि गंगोत्री धाम के कपाट तक 6 महीने के लिए बंद हो जाते हैं। इसीलिए गौमुख या गंगोत्री धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर – अक्टूबर के बीच में है। अगर आप गंगोत्री धाम में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान में रखने योग्य बातें
अगर आप यहां पर्वतारोहण , ट्रैकिंग , कैंपिंग करना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में जानकारी अवश्य लें । गौमुख या तपोवन तक पैदल चलने हेतु अच्छी क्वालिटी का जूता अवश्य पहनें। खाने -पीने का कुछ सामान , कुछ आवश्यक दवाइयाँ , गर्म कपड़े व पहचान पत्र अपने साथ अवश्य रखें। अगर आप गंगोत्री मंदिर में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book अवश्य कर लीजिए।
कैसे पहुँचें गंगोत्री ग्लेशियर ( How To Reach Gangotri Glacier)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
गौमुख अपने आप में बहुत ही सुन्दर , सुरम्य , शांत व आध्यात्मिक हिमालयी क्षेत्र है जो वाकई में देखने लायक जगह हैं । इसके अलावा भी इसके आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे विश्वनाथ मंदिर , गंगोत्रीधाम , डोडीताल , गोमुख , यमुनोत्री , गरंताग गली , केदरकांठा , नेलांग घाटी आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं। अगर आप गंगोत्री मंदिर में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
क्यों आयें गंगोत्री ग्लेशियर ?
मौसम (Weather)
चारों तरफ हरे -भरे या बर्फ से ढके पहाड़ , घने जंगल , धुमावदार घाटियाँ होने के कारण गंगोत्री ग्लेशियर (गौमुख) का मौसम गर्मियों में भी ठंडा ही रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर – अक्टूबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप गंगोत्री मंदिर / धाम में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें । ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।
