Dodital Lake Uttarkashi Uttarakhand
गजानन महाराज का जन्मस्थान देखना हो तो यहाँ चले आइए।
Dodital Lake Uttarkashi Uttarakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के उत्तरकाशी शहर से लगभग 44 किलोमीटर दूर एक खूबसूरत ताजे मीठे पानी की झील है डोडीताल झील । यही पावन भूमि ही विघ्नहर्ता मंगलकर्ता भगवान गणेशजी का जन्म स्थान है। समुद्र तल से लगभग 3310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इसी डोडीताल झील के किनारे एक प्राचीन मंदिर है जहाँ गजानन अपनी माँ पार्वती के साथ विराजमान हैं। यह झील शानदार ओक , देवदार और बुराँश के जंगलों से घिरी है। यह झील अस्सी गंगा नदी का स्रोत है जो आगे चलकर गंगोरी संगम के पास भागीरथी नदी में मिल जाती है। इस झील की खासियत यह है कि इसमें हिमालय गोल्डन ट्राउट मछली पाई जाती है जिसे स्थानीय भाषा में “डोडी” भी कहा जाता है। इसीलिए इस झील का नाम डोडीताल पड़ा। हालांकि गढ़वाल हिमालय (मध्य कैलाश) से गुजर कर डोडीताल पहुँचने वाला यह ट्रैक बहुत ही आकर्षक है। इस ट्रैक पर चलते हुए आप हरे – भरे जंगलों , खूबसूरत घाटियों , जीव – जंतुओं , विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों व दुर्लभ जंगली फूलों को देख सकते हैं। अपनी नैसर्गिक सुंदरता को समेटे यह स्थान बहुत ही शांत व ख़ूबसूरत है। चारों तरफ हरियाली , ऊंचे – ऊँचे चीड़ के वृक्ष और उन पर मधुर कलरव करते पक्षी , एक शांत झील , झील से नीचे की तरफ कल – कल कर बहती अस्सी गंगा नदी , यही तो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
Similar Places
Top 15 Tourist Places To Visit In Gangotri National Park Uttarkashi Uttarakhand : गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के अंदर घूमने की ये 15 शानदार जगहें जहाँ आप प्रकृति के बेहद करीब रह सकते हैं।
Gangotri National Park Uttarkashi Uttarakhand : विराट हिमालय , गौमुख , गंगोत्री ग्लेशियर व विशाल मखमली घास के मैदान देखने हों तो फिर यहाँ चले आइये।
Gangotri Glacier Uttarkashi Uttarakhand : हिमालय का सबसे बड़ा , सबसे भव्य और विराट ग्लेशियर देखना हो तो यहाँ चले आइये।
Dayara Bugyal Trek Uttarkashi Uttarakhand : अगर आप ट्रैकिंग व कैम्पिंग के शौक़ीन हैं तो इस बार हरे – भरे घास के मैदानों में ट्रैकिंग का मजा लीजिए।
KedarKantha Trek Uttarkashi Uttarakhand : अगर आप ट्रैकिंग व कैम्पिंग के शौक़ीन हैं तो इस बार Queen Of Winter Treks में ट्रैकिंग का मजा लीजिए।
Nachiketa Tal Uttarkashi Uttarakhand : ऋषिकुमार नचिकेता की तपस्थली व यमद्वार देखना हो तो शौक से यहाँ चले आइये।
Dodital Lake Trek Uttarkashi Uttarakhand : मध्य कैलाश से गुजरने वाला यह ट्रैक पक्षी प्रेमियों , ट्रैकिंग के शौकीनों व प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहद शानदार है।
Kuteti Devi Temple Uttarkashi Uttarakhand : एक भक्त के निश्छल प्रेम व विश्वास के वशीभूत होकर माँ कुटेटी सदियों से यहाँ विराजमान हैं।
माता अन्नपूर्णा के रूप में विराजमान हैं यहाँ माँ पार्वती।
प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत मगर शांत करीब एक से डेढ़ किलोमीटर में फैली षट्कोणीय डोडीताल झील मध्य हिमालयी क्षेत्र में स्थित है जिस कारण इसे भारत के सबसे खूबसूरत और अधिक ऊंचाई में स्थित झीलों में से एक माना गया है। यह स्थान भगवान गणेश की जन्मभूमि है। यहाँ उनकी माता पार्वती को अन्नपूर्णा रूप में पूजा जाता है। इसीलिए यहां झील के किनारे माता अन्नपूर्णा का एक प्राचीन मंदिर भी है जिसमें गणपति अपनी माँ के साथ विराजमान हैं । ट्रेकिंग के शौकीनों , पक्षी प्रेमियों व प्रकृति प्रेमियों के लिए यह शानदार ट्रैक है। भयंकर बर्फवारी की वजह से शीतकाल में यह ट्रैक अक्सर बर्फ से ढक जाता है और यहाँ का तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। यहां हर साल बड़ी तादात में पर्यटक पहुँचने लगे हैं जिस वजह से अगोड़ा गांव व उसके आस – पास के ग्रामीण कृषि व जानवरों के अलावा पर्यटन व ट्रैकिंग के काम से भी जुड़ गये है। यहां पर्यटकों को पारंपरिक गढ़वाली घरों में ठहराया जाता है तथा घर में बने हुए शुद्ध स्वादिष्ट जैविक गढ़वाली व्यंजनों से उनकी आवभगत की जाती है। कुछ पर्यटक गांव में आयोजित होने वाले मेले , उत्सव , तीज – त्यौहार , धार्मिक अनुष्ठान व शादी -विवाह आदि में भी शामिल होते हैं।
क्या करें ?
माँ पार्वती व गणेशजी के दर्शन कीजिए। उनकी पूजा अर्चना कीजिए। उनका आशीर्वाद लीजिए। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए यहां आसानी से अनुभवी गाइड व ट्रैकिंग का सामान उपलब्ध हो जाता है। डोडीताल में ठहरने के लिए होमस्टे , धर्मशाला व वन विभाग का गेस्ट हाउस है। यहाँ खाना -पीना और कैंपिंग की सुविधा भी आसानी से मिल जाती है। डोडीताल से करीब 5 किलोमीटर आगे दरवा टॉप पड़ता है जो मखमली घास का मैदान है और डोडीताल से लगभग 20 किलोमीटर आगे दयारा बुग्याल पड़ता है जबकि 15 किलोमीटर की दूरी पर चौलादूनी स्थल है जो अपने खूबसूरत झरने के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा उत्तरकाशी घूमिये। भागीरथी नदी व उत्तरकाशी के खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य का मजा लीजिए। आस – पास के क्षेत्र जैसे सप्तऋषि कुंड ट्रैक में ट्रेकिंग का मजा लीजिए। खूब फोटोग्राफी कीजिए। इसके अलावा आप यमुनोत्री धाम, शनि मंदिर , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली , खरसाली , जानकीचट्टी , हनुमानचट्टी , सूर्यकुंड , दिव्यशिला आदि भी जा सकते हैं।
डोडीताल झील आने का सही समय (Best Time To Visit Dodital Lake )
डोडीताल (घुँघीताल) तक आप सालभर जा सकते हैं लेकिन उससे आगे के ट्रैक में अधिक बर्फ होने के कारण शीतकाल में नहीं जाया जा सकता है। शीतकाल में यहां भी बर्फ गिरती है लेकिन उस समय भी कुछ साहसी लोग यहाँ स्नो ट्रैकिंग का मजा लेने पहुँचते है। ट्रैकिंग के लिए अप्रैल से अक्टूबर तक बहुत अच्छा है। यह पूरा ट्रैक बहुत कठिन नहीं है। आप अगोड़ा और बेबरा गांव में रात में ठहर सकते हैं । अगोड़ा गांव में रुकने के लिए आवास आसानी से मिल जाते हैं जबकि बेबरा गांव में कैंप बनाकर रहा जा सकता है। इन गाँवों में आप गढ़वाली ग्रामीण जीवन शैली व पहाड़ी व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान रखने योग्य बातें ।
उत्तरकाशी से अगोड़ा गांव तक आप किसी भी वाहन से जा सकते हैं लेकिन उससे आगे 16 किलोमीटर का सफर बेबरा और मांझी गाँव होते हुए आपको पैदल ही तय करना पड़ेगा। अगर आप कैंपिंग करना चाहते है तो एक अच्छी क्वालिटी का टेंट , रेन कोट व स्लीपिंग बैग आपके पास होना चहिए। खाने -पीने का कुछ सामान , सूखे मेवे या कुछ स्नैक्स , पानी , व्यक्तिगत पहचान पत्र व प्राथमिक चिकित्सा के लिए कुछ दवाइयाँ आदि आप अपने साथ ले जा सकते हैं। स्थानीय लोगों की आस्था व भावनाओं का सम्मान करें। अगर आप सर्दियों में जा रहे हैं तो कुछ गर्म कपड़े अवश्य रखिए। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
कैसे पहुँचें डोडीताल झील (How To Reach Dodital Lake)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
डोडीताल झील अपने आप में बहुत ही शांत , सुन्दर , पवित्र व आध्यात्मिक स्थान है। झील किनारे स्थित प्राचीन मंदिर में माँ पार्वती व भगवान गणपति के दर्शन कीजिए व उनके चरणों में बैठिये। झील के किनारे फैली अजीब सी शांति व सुकून का अनुभव कीजिए। इसके अलावा उत्तरकाशी के आस -पास कई धूमने लायक सुंदर जगहें है जैसे यमुनोत्री धाम, शनि मंदिर , गंगोत्री मंदिर , धराली , मुखवा , गंगनानी , सातताल (सत्तल) , बागोरी , हर्षिल , गरतांग गली आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं। अगर आप उत्तरकाशी में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
