Dharali Village In Harshil Valley Uttarkashi Uttarakhand

सेब के बागान व लाल सेम के लिए प्रसिद्ध है हर्षिल घाटी का ये गाँव ।

Dharali Village In Harshil Valley Uttarkashi Uttarakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के उत्तरकाशी शहर से लगभग 76 किलोमीटर दूर स्थित है एक प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर घाटी हर्षिल। हर्षिल घाटी में ही स्थित है एक प्यारा सा गाँव धराली । समुंद्रतल से लगभग 648 मीटर की ऊंचाई में स्थित धराली हर्षिल से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर भागीरथी नदी के तट पर बसा है। धराली अपने सेब बागानों व लाल सेम (राजमा) के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ प्राचीन कल्प केदार मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह केदारनाथ मंदिर की ही शैली में बना मंदिर है। कत्यूर शिखर शैली में बने इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान भोलेनाथ की सफेद रंग की स्फटिक की मूर्ति विराजमान है । माना जाता है कि भगीरथ ने माँ गंगा को स्वर्ग से धरती में लाने के लिए यही कठोर तपस्या की थी। बसंत ऋतु में धराली व उसके आस -पास के गाँव देखने लायक होते हैं क्योंकि इस समय यहाँ सेब के पेड़ फूलों से लद जाते हैं जो बड़े मनमोहक दिखाई देते हैं।

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क्या करें ?

धराली गाँव आने का सही समय (Best Time To Visit In Dharali Village)

ध्यान में रखने योग्य बातें

कैसे पहुँचें धराली गाँव ( How To Reach Dharali Village)

Uttarkashi From Delhi (दिल्ली से उत्तरकाशी 408 किलोमीटर दूर है ) (मोटर मार्ग / By Road) – उत्तरकाशी से हर्षिल घाटी सिर्फ 76 किलोमीटर की दूरी पर है। हर्षिल गाँव से धराली गाँव 6 किलोमीटर दूर है।
Nearest Railway Station Is Rishikesh  – ऋषिकेश से उत्तरकाशी महज 162 किलोमीटर दूर है। दिल्ली या किसी भी शहर से ऋषिकेश तक ट्रेन से आया जा सकता है । उसके बाद मोटर मार्ग से टैक्सी या बस लेकर उत्तरकाशी तक आराम से पहुंचा जा सकता है। सभी प्रमुख जगहों से उत्तरकाशी के लिए प्राइवेट वाहन या बस हर वक्त उपलब्ध रहती हैं। आप ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से भी बस या टैक्सी लेकर उत्तरकाशी या धराली गाँव तक पहुँच सकते हैं।
Nearest Airport Jolly Grant Airport Dehradun) – देहरादून से उत्तरकाशी महज 168 किलोमीटर दूर है। किसी भी शहर से देहरादून हवाई अड्डे तक हवाई मार्ग से आया जा सकता है । उसके बाद मोटर मार्ग से टैक्सी या बस लेकर उत्तरकाशी या धराली गाँव तक पहुंचा जा सकता है।

कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)

क्यों आयें धराली गाँव ?

विशाल क्षेत्र में फैले सेब के बगीचे देखिये ।
प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लीजिए ।
लाल सेम या राजमा का स्वाद लीजिए ।
ट्रेकिंग व कैंपिंग का आनंद लीजिए ।
गढ़वाली व्यंजनों का स्वाद लीजिए और आसपास के गाँवों में घूमिये।

किसके साथ आए ।

परिवार के साथ आ सकते हैं
नव दम्पत्ति आ सकते हैं ।
दोस्तों के साथ आइए ।
अकेले भी आ सकते हैं शांति व सुकून के कुछ पल बिताने के लिए।

बोली जाने वाली भाषा (Language )

हिंदी
अंग्रेजी
गढ़वाली / स्थानीय भाषा

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