Baleshwar Temple Champawat Uttarakhand
खजुराहो शैली में बना यह मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है


Baleshwar Temple Champawat Uttarakhand : उत्तराखंड के चम्पावत जिले के चम्पावत शहर में स्थित है श्री बालेश्वर मंदिर जो मंदिरों का एक समूह है। इस मंदिर समूह में कई छोटे -बड़े मंदिर हैं। भगवान बालेश्वर (शिव) को समर्पित यह मंदिर बहुत ही शानदार व कलात्मक मंदिर है। खजुराहो शैली में बना यह मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है । मंदिरों की दीवारों में लगे पत्थरों पर कई प्रकार की मानव मुद्राएं व अनेक देवी – देवताओं की सुंदर मूर्तियां उकेरी गई हैं। यहाँ तक कि मंदिरों की छतों पर भी जटिल व बारीक नक्काशी की गई है। मंदिर में मौजूद शिलालेख के अनुसार यह मंदिर सन 1272 में चन्द वंश के राजाओं द्वारा बनाया गया था। श्री बालेश्वर मंदिर कई मंदिरों का एक समूह है जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा शिवलिंग स्थापित हैं। मुख्य शिवलिंग स्फुटिक का बना है। बालेश्वर मंदिर परिसर में श्री रत्नेश्वर और चंपावती दुर्गा के भी मंदिर हैं।
श्री बालेश्वर मंदिर है राष्ट्रीय धरोहर / विरासत स्मारक।
श्री बालेश्वर मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित किया गया है। ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण बालेश्वर मंदिर समूह सन 1952 से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में है। यूं तो यहाँ भक्त भोलेबाबा के दर्शन करने हर रोज आते रहते हैं मगर सावन के प्रत्येक सोमवार को भोलेबाबा का जलाभिषेक करने के लिए भीड़ लगी रहती है। सावन में जलाभिषेक करने के लिए दूर दराज से भी लोग मंदिर आते हैं। मान्यता है कि शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और नि:संतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है । इसके अलावा बालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है। महाशिवरात्रि में यहाँ एक दिवसीय भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है। बालेश्वर मंदिर के प्रति लोगों की अटूट आस्था है। बालेश्वर मंदिर के पास एक मीठे पानी का “नौला” भी है। बालेश्वर मंदिर न सिर्फ लोगों की आस्था व विश्वास के साथ जुड़ा है बल्कि अब यह लोगों का पसंदीदा धार्मिक पर्यटन स्थल भी बनता जा रहा है।
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क्या करें ?
श्री बालेश्वर मंदिर चंपावत शहर में स्थित है और चंपावत जिले का शांत वातावरण प्रकृति प्रेमियों और उत्तराखंड के ग्रामीण जन -जीवन को नजदीक से देखने की चाहत रखने वालों के लिए सुंदर जगह है। इस पूरे जिले में कई और धार्मिक स्थल जैसे आदित्य मंदिर , माँ वाराही मंदिर , पूर्णागिरि मंदिर हैं साथ ही साथ कई देखने योग्य प्राकृतिक पर्यटन स्थल भी हैं जिन्हें आप देख सकते हैं। इसीलिए श्री बालेश्वर मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के बाद आप चंपावत शहर व उसके आस – पास के क्षेत्रों में घूम सकते हैं। ट्रैकिंग कर सकते हैं। खूब फोटोग्राफी कीजिए।
श्री बालेश्वर मंदिर आने का सही समय (Best Time To Visit In Baleshwar Temple)
श्रीबालेश्वर मंदिर में आप साल के किसी भी महीने में आ सकते हैं। श्री बालेश्वर मंदिर समूह चम्पावत नगर के बस स्टेशन से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। चंपावत सभी प्रमुख शहरों से मोटरमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा है। इसीलिए आप यहाँ बस , अपने वाहन या टैक्सी से आसानी से पहुँच सकते है l फोटोग्राफी के लिए कैमरा अवश्य रखिये।
ध्यान में रखने योग्य बातें
श्रीबालेश्वर मंदिर भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर परिसर में मंदिर के नियमों का पालन करें । मंदिर में शांति बनाएं रखें। अन्य लोगों को सहयोग करें। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। अगर आप चंपावत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
कैसे पहुँचें श्री बालेश्वर मंदिर ( How To Reach Baleshwar Temple)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
श्रीबालेश्वर मंदिर में पहुंचकर मन में बहुत ही शांति व सुकून का अनुभव होता है। मंदिर व उसके आस -पास के पर्यटन स्थलों में आप अपने हिसाब से समय बिता सकते हैं। यहाँ कुछ विशेष अवसरों पर भीड़ -भाड़ बहुत अधिक रहती है।
क्यों आए श्री बालेश्वर मंदिर ।
मौसम (Weather)
श्री बालेश्वर मंदिर में आप मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर नवंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप टनकपुर या चम्पवात में कुछ दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।