Baijnath Temple Bageshwar Uttarakhandd
बैजनाथ मंदिर में सम्पन्न हुआ था शिव – शक्ति का विवाह


Baijnath Temple Bageshwar Uttarakhand : उत्तराखंड के बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर दूर बैजनाथ एक छोटा मगर बहुत प्राचीन नगर है। एक समय यह कस्बा कत्यूरी राजवंश के राजाओं की राजधानी हुआ करता था जिसे “कार्तिकपुर” नाम से जाना जाता था। गोमती नदी के तट पर बसा बैजनाथ नगर सांस्कृतिक , ऐतिहासिक व धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इसी नगर के हृदय स्थल पर शिव-पार्वती को समर्पित प्राचीन बैजनाथ मंदिर बसा है जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है। समुद्रतल से लगभग 1,125 मीटर (3,691 फीट) की ऊँचाई पर स्थित बैजनाथ मंदिर परिसर में छोटे – बड़े 18 हिन्दू मंदिर हैं । कत्यूरी राजवंश के राजाओं द्वारा निर्मित यह मंदिर उत्तर भारतीय नागर शैली की अद्भुत शिल्पकला का उत्कृष्ट नमूना है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहाँ भगवान भोलेनाथ के साथ माँ पार्वती यानि शिव व शक्ति एक साथ विराजमान है। भोलेनाथ और माँ पार्वती के इस तरह के मंदिर बहुत कम हैं। वैसे इस मंदिर में भोलेनाथ वैद्य यानि चिकित्सक के रूप में विराजमान हैं।
शिव-पार्वती के विवाह से जुड़ा है बैजनाथ मंदिर ।
माना जाता है कि बैजनाथ मंदिर परिसर में शिव-पार्वती का विवाह सम्पन्न हुआ था। बैजनाथ मंदिर परिसर में 18 पत्थर से बने मंदिरों का एक भव्य समूह हैं जहाँ मुख्य मंदिर में काले पत्थर से बनी माँ पार्वती की बड़ी ही मनमोहक मूर्ति लगी है। इस मंदिर परिसर में 102 पत्थर से बनी देवी देवताओं की मूर्तियाँ हैं। यहाँ शिव-पार्वती के साथ-साथ भगवान वैद्यनाथ , नृत्य गणपति , कार्तिकेय , नरसिंह , ब्रह्मा , महिषासुरमर्दिनी , सप्त नर्तिकाएं , सूर्य देवता , गरुड़ , काल भैरव और कुबेर की मूर्तियां भी हैं। मंदिर परिसर के बाहर “गोल्डन महासीर” नाम की एक छोटी सी झील भी है जो मछलियों से भरी हैं मगर यहाँ मछली पकड़ना सख्त मना है। हाँ मछलियों को आप दाना या खाना खिला सकते हैं।
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भारत सरकार की “स्वदेश दर्शन योजना” से जुड़ा है यह मंदिर ।
बैजनाथ नगर को प्राचीनकाल में “कार्तिकेयपुर” नाम से जाना जाता था। बैजनाथ मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के रूप में मान्यता प्राप्त है। बैजनाथ उन चार स्थानों में से एक है जिन्हें भारत सरकार की “स्वदेश दर्शन योजना” के तहत “शिव हेरिटेज सर्किट” से जोड़ा गया है। बैजनाथ नगर में बैजनाथ मंदिर पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र है। भगवान वैद्यनाथ यानि वैद्यों (चिकित्सकों) के देवता भगवान शिव और माता पर्वती को समर्पित इस मंदिर की भव्यता शिवरात्रि और मकर संक्रांति को देखते ही बनती है।
क्या करें ?
बैजनाथ बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर और कौसानी से लगभग 19 किलोमीटर दूर स्थित है। आप यहाँ शिव – शक्ति के एक साथ दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के आस -पास कुमाँऊनी शैली में बने घर व खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकते हैं। मछलियों को दाना दे सकते हैं। बैजनाथ से लगभग 8 किलोमीटर दूर ग्वालदम रोड पर प्रसिद्ध कोटकीमाई मंदिर स्थित है। आप वहाँ भी जा सकते हैं। इसके पास ही स्थित पांडुस्थल भी जा सकते हैं। खूबसूरत कौसानी बैजनाथ नगर के बहुत करीब है।
बैजनाथ आने का सही समय (Best Time To Visit In Baijnath)
कत्यूरी घाटी में स्थित बैजनाथ छोटा लेकिन प्राचीन कस्बा है। बैजनाथ धूमने का सही समय मार्च से लेकर जून तक और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक है। बैजनाथ में आप अपना नया साल मना सकते हैं । दिवाली व दशहरे के आसपास और गर्मियों की छुट्टियों के वक्त बैजनाथ / बागेश्वर का मौसम बहुत सुहाना रहता हैं । अगर आप बागेश्वर में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
ध्यान में रखने योग्य बातें
बैजनाथ मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर व पवित्र तीर्थ स्थल है। इसीलिए मंदिर परिसर में मंदिर के नियमों का पालन कीजिए। जूते -चप्पल निर्धारित जगह पर रखें। मंदिर परिसर में शान्ति बनाएं रखें।
कैसे पहुँचें बैजनाथ मंदिर ( How To Reach Baijnath Temple )
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
बैजनाथ / बागेश्वर अपने आप में बहुत ही सुन्दर नगर है और उसके आस -पास भी कई सुंदर धूमने लायक जगहें है । बागेश्वर शहर के अलावा गरुड़ , कौसानी आदि जहाँ आप जा सकते हैं। इसीलिए यहाँ आप अपने हिसाब से अपना समय बिता सकते हैं।
क्यों आए बैजनाथ मंदिर
मौसम (Weather)
घाटी क्षेत्र होने के कारण बैजनाथ / बागेश्वर का मौसम गर्मियों में थोड़ा गरम रहता है। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए । फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।