Aaditya Temple Ramak Champawat Uttarakhand
जहाँ भगवान शिव और सूर्य एक साथ शिवादित्य रूप में विराजमान हैं।


Aaditya Temple Ramak Champawat Uttarakhand : उत्तराखंड के चम्पावत जिले के चम्पावत शहर से लगभग 77 किलोमीटर दूर रमक गांव में स्थित है आदित्य मंदिर या शिवादित्यमंदिर। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहाँ भगवान शिव और सूर्य एक साथ विराजमान है जबकि ऐसा देखने को कम ही मिलता है। ऐसा माना जाता है कि अपने अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहाँ शिवलिंग की स्थापना कर भगवान भोलेनाथ की पूजा -आराधना की थी और इस मंदिर का निर्माण 16वी शताब्दी में चंदवंश के राजाओं ने किया गया था l सूर्यदेव ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जिनका हम हर रोज अपनी आँखों से प्रत्यक्ष दर्शन कर सकते हैं। इस जगत के हर प्राणी मात्र में ऊर्जा का संचार करने वाले सूर्य देव का यह भव्य मंदिर उनके कुछ दुर्लभ मंदिरों में से एक है क्योंकि भगवान सूर्य के बहुत कम मंदिर हैं।
सूर्य षष्ठी (साठी) महोत्सव है आकर्षण का केंद्र
यह शिवादित्यमंदिर लोगों की अटूट आस्था व विश्वास का केंद्र है। दूर – दूर से श्रद्धालु यहाँ भगवान भोलेनाथ व सूर्य नारायण के दर्शन व पूजा – अर्चना करने आते हैं l प्रत्येक वर्ष अगस्त/ सितम्बर माह में पड़ने वाली “सूर्य षष्ठी” पर्व के पावन अवसर पर यहाँ तीन दिवासीय साठी महोत्सव / मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें भगवान शिव व सूर्यदेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है l उस समय यहाँ ठेठ कुमाऊँनी सभ्यता व संस्कृति की झलक साफ़ देखी जा सकती है। साठी महोत्सव में महिलाओं द्वारा पारंपरिक कुमाऊँनी गीतों के साथ नृत्य भी किया जाता है। आदित्य मंदिर के पास ही दो विशाल व घने बांज के पेड़ों के नीचे “एडी” और “भूमिया” के प्रसिद्ध मंदिर भी है। ये दोनों मंदिर भी स्थानीय लोगों की विशेष आस्था से जुड़े हैं।
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क्या करें ?
आदित्य मंदिर चंपावत शहर से लगभग 77 किलोमीटर दूर रमक गांव में स्थित है। इसीलिए यहाँ पहुँचने के लिए वाहन की व्यवस्था पहले ही कर लीजिए । अगर ठण्ड के मौसम में आ रहे हैं तो कुछ गर्म कपड़े अवश्य रखिये। चंपावत जिले का शांत वातावरण प्रकृति प्रेमियों और उत्तराखंड के ग्रामीण जन -जीवन को नजदीक से देखने की चाहत रखने वालों के लिए सुंदर जगह है। इस पूरे जिले में कई और धार्मिक स्थल जैसे श्री बालेश्वर मंदिर , माँ वाराही मंदिर , माँ पूर्णागिरि मंदिर हैं साथ ही साथ कई देखने योग्य प्राकृतिक पर्यटन स्थल भी हैं जिन्हें आप देख सकते हैं। इसीलिए आदित्य मंदिर में भगवान शिव व सूर्य देव के दर्शन के बाद आप चंपावत शहर व उसके आस – पास के क्षेत्रों में घूम सकते हैं। ट्रैकिंग कर सकते हैं। खूब फोटोग्राफी कीजिए।
आदित्य मंदिर आने का सही समय (Best Time To Visit In Aaditya Temple)
आदित्य मंदिर में आप साल के किसी भी महीने में आ सकते हैं। आदित्य मंदिर चम्पावत शहर से लगभग 77 किलोमीटर दूर रमक गांव में स्थित है। मगर यह सभी प्रमुख शहरों से मोटरमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा है। इसीलिए आप यहाँ बस , प्राइवेट वाहन या टैक्सी से आसानी से पहुँच सकते है l फोटोग्राफी के लिए कैमरा अवश्य रखिये।
ध्यान में रखने योग्य बातें
आदित्य मंदिर भगवान सूर्य व शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर परिसर में मंदिर के नियमों का पालन करें । मंदिर में शांति बनाएं रखें। अन्य लोगों को सहयोग करें। पैदल चलने के लिए एक अच्छी क्वालिटी का जूता पहनें और फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। अगर आप चंपावत में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
कैसे पहुँचें आदित्य मंदिर ( How To Reach Aaditya Temple)
कितने दिन के लिए आए (Suggested Duration)
आदित्य मंदिर में पहुंचकर मन में बहुत ही शांति व सुकून का अनुभव होता है। मंदिर व उसके आस -पास के पर्यटन स्थलों में आप अपने हिसाब से समय बिता सकते हैं। यहाँ कुछ विशेष अवसरों पर भीड़ -भाड़ बहुत अधिक रहती है।
क्यों आए आदित्य मंदिर।
मौसम (Weather)
आदित्य मंदिर में आप मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर नवंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अगर आप टनकपुर या चम्पवात में कुछ दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।