Nanda Devi Mahotsav Nainital Uttarakhand
कदली के वृक्षों से तैयार होती हैं माँ नंदा – सुनंदा की मूर्तियों

Nanda Devi Mahotsav Nainital Uttarakhand : मां नंदा-सुनंदा महोत्सव एक अत्यंत भव्य महोत्सव हैं जो प्रतिवर्ष नंदा अष्टमी के दिन (सितंबर माह) मां नंदा और उनकी बहन माँ सुनंदा के सम्मान में आयोजित किया जाता है। यह एक विशाल धार्मिक महोत्सव है जिसमें देश – विदेश के श्रद्धालु हिस्सा लेकर मां नंदा – सुनंदा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं तथा अपने जीवन की राह को आसान बनाते हैं। नैनीताल में नंदा देवी महोत्सव की शुरुवात 1902 में मोतीराम साह के द्वारा की गई । कुमाऊं में मां नंदा – सुनंदा को कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां नंदा – सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊं आती हैं। इसीलिए हर साल मां नंदा – सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर उनकी प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। मां नंदा – सुनंदा की प्रतिमाएं कदली यानी केले के पेड़ के तने से बनाई जाती है। नैनीताल में भी कदली वृक्ष से मां नंदा – सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण किया जाता है। प्रतिमा निर्माण के बाद उन्हें सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया जाता है। प्रतिमा में इस्तेमाल किया जाने वाला रंग और सामान पूरी तरह से इको फ्रेंडली होता हैं। इको फ्रेंडली होने की वजह से डोले को नैनी झील में विसर्जित करने पर कोई दुष्परिणाम नहीं होता है और झील के पानी पर भी बुरा असर नहीं पड़ता है।
क्या करें
अगर आप इस विशाल धार्मिक महोत्सव के समय सौभाग्य से नैनीताल में है तो आप इसमें अवश्य भाग लेकर मां नंदा – सुनंदा का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके आलावा आप मेले का आनंद उठा सकते हैं। खरीददारी कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
मां नंदा-सुनंदा महोत्सव के दौरान शहर में शांति व व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस -प्रशाशन द्वारा नियमों में बदलाव किया जाता हैं। आप उनकी जानकारी अवश्य लें व यातायात नियमों का पालन करें।
अवधि
मां नंदा-सुनंदा महोत्सव की शुरुवात से विसर्जन तक आप इस मेले का हिस्सा बन सकते हैं।