Mukteshwar Mahadev Temple In Mukteshwar Nainital Uttarakhand
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर : जहाँ बेलपत्र व जल चढाने मात्र से ही मनोकामनायें पूर्ण होती हैं।

उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में मुक्तेश्वर एक छोटा सा मगर बेहद शानदार हिल स्टेशन हैं। इसी मुक्तेश्वर में लगभग 2315 मीटर ऊंची एक पहाड़ की चोटी पर प्राचीन मुक्तेश्वर महादेव यानि भगवान शिव का मंदिर स्थित है जहां पर भगवान भोलेनाथ युगों से अपनी तपस्या में लीन है। इस मंदिर में सफेद संगमरमर का शिवलिंग स्थापित हैं। माना जाता हैं कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस शिव मंदिर की स्थापना की थी। सुंदर प्राकृतिक दृश्यों तथा ऊंचे-ऊंचे देवदार व बांज के पेड़ों के बीच बने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां पर भोलेनाथ के साथ-साथ देवी पार्वती तथा राम दरबार मंदिर भी है जिसमें श्रीराम , लक्ष्मण , माता सीता व हनुमानजी की मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर में एक अजीब सी शक्ति , शांति और सुकून का अनुभव होता है ।
“मुक्ति का धाम” हैं ये मुक्तेश्वर धाम
माना जाता है कि इस जगह पर भगवान शिव ने एक राक्षस का वध कर उसे मोक्ष प्रदान किया था। इसी वजह से इस जगह का नाम मुक्तेश्वर पड़ा । वैसे तो हर रोज बड़ी तादात में भक्त यहां भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं। लेकिन शिवरात्रि जैसे विशेष अवसरों पर यहां श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है। मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन मन्नत मांगने से निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है। यहां पर लोग भोलेनाथ से मन्नत मांगते हैं। पूरी होने पर भगवान का धन्यवाद करने हेतु मंदिर में घंटियां भेंट करते हैं। मुक्तेश्वर धाम बंगाली मूल के संत श्री मुक्तेश्वर महाराजजी का निवास स्थान भी रहा हैं जो “मौनी बाबा” के नाम से प्रसिद्ध थे। उनकी समाधि मन्दिर परिसर में बनी हुई है। मुक्तेश्वर एक खूबसूरत पिकनिक पर्यटन स्थल के साथ-साथ एक धार्मिक पर्यटन स्थल भी है। माना जाता हैं कि इस शिवलिंग में सच्चे मन से बेलपत्र और जल चढ़ाने मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
क्या करें ?
भगवान भोलेनाथ के दर्शन करें। उनकी पूजा -आराधना कर आशीर्वाद लें और कुछ पल मंदिर में सुकून व शांति से बैठें।
ध्यान में रखने योग्य बातें
मंदिर परिसर में मंदिर के नियमों का पालन करें। जूते -चप्पल निर्धारित जगह पर रखें। मंदिर में रखी हुई पवित्र चीजों को छूने से पहले अनुमति ले लें। आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अत्यधिक ऊंचाई में होने के कारण यहाँ का तापमान बदलता रहता हैं लेकिन बहुत अधिक गर्मी नहीं होती हैं। यहाँ मौसम ज्यादातर ठण्डा ही रहता है मगर मई – जून में यहां का मौसम सुहाना रहता है। अगर आप मुक्तेश्वर घूमने आ रहे हैं तो अपने साथ कुछ गर्म कपड़े अवश्य लेकर आएं । अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा व अच्छा क्वालिटी का जूता अपने साथ अवश्य रखें।
अवधि
मंदिर में आप अपना सुकून भरा कीमती समय अपने हिसाब से बिता सकते हैं ।