Indian Veterinary Research Institute (IVRI) In Mukteshwar Nainital Uttarakhand
पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान मुक्तेश्वर नैनीताल उत्तराखंड

IVRI In Mukteshwar Nainital Uttarakhand : उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में मुक्तेश्वर एक छोटा सा हिल स्टेशन हैं और इसी जगह पर “भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान” का एक भव्य व काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ परिसर भी हैं। मुक्तेश्वर स्थित इस रिसर्च सेंटर में जानवरों से संबंधित विषयों पर रिसर्च की जाती है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की स्थापना 9 दिसंबर, 1889 को पुणे (महाराष्ट्र) में “इंपीरियल बैक्टीरियोलॉजिकल प्रयोगशाला” के रूप में की गई थी। अगस्त 1893 में इसे मुक्तेश्वर स्थानांतरित कर दिया गया था। स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरंत बाद इस संस्थान का नाम बदलकर “भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान” कर दिया गया। यह लगभग 3,000 एकड़ भूमि में फैला है। यहां पर दूर-दूर से विद्यार्थी जानवरों व उनसे संबंधित रोगों पर रिसर्च करने आते है। इस संस्थान की इमारत का डिज़ाइन विक्टोरियन युग की याद दिलाता है। यहाँ पर एक ब्रिटिशकालीन म्यूजियम व लाइब्रेरी भी है। इस लाइब्रेरी में बहुत पुराने समय की किताबों को बिल्कुल सुरक्षित रखा गया है । इसके प्रांगण में एक सुंदर सा बगीचा भी है जिसमें अनेक प्रजातियों के सुंदर -सुंदर फूल खिले रहते हैं जो देखने वालों को बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
मुक्तेश्वर का प्राकृतिक वातावरण और ठंडी जलवायु टीकों और सीरम के संरक्षण के लिए अनुकूल
मुक्तेश्वर की स्वास्थ्यप्रद जलवायु , प्रदूषण रहित प्राकृतिक वातावरण और ठंडी जलवायु टीकों और सीरम के संरक्षण के लिए अनुकूल और संक्रामक सूक्ष्मजीवों पर काम करने के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा यह एक बड़ा आरक्षित वन क्षेत्र भी है। पहले इस क्षेत्र में ज्यादा आबादी भी नही थी जिससे प्रायोगिक झुंडों के मवेशियों से पड़ोसी मवेशियों के झुंडों में बीमारी फैलने का कोई डर नहीं था। इसीलिए सन 1893 में पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को पुणे से मुक्तेश्वर स्थानांतरित किया गया। इसके अलावा कुमाऊं और गढ़वाल में पहाड़ी मवेशी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थे। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान का मिशन पशुधन और मुर्गीपालन को प्रभावित करने वाले वायरस और बीमारियों का अध्ययन करना है। इन विकारों को ठीक करने के लिए एंटीजन , टीके और न्यूक्लिक एसिड जांच करना तथा उनका विकास करना भी एक उद्देश्य है। यहां के शोधकर्ता इस क्षेत्र के मूल जानवरों की शारीरिक , व्यवहारिक और आहार संबंधी आवश्यकताओं का भी अध्ययन करते हैं।
क्या करें ?
Indian Veterinary Research Institute (IVRI) के अंदर आप बिना अनुमति के प्रवेश नही कर सकते हैं। अनुमति मिलने पर ही आप परिसर के अंदर जाकर इस संस्थान के बारे में जानकारी ले सकते हैं। ब्रिटिशकालीन म्यूजियम व लाइब्रेरी देख सकते हैं। परिसर में धूम सकते हैं।
ध्यान में रखने योग्य बातें
पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान परिसर के अंदर आप वहाँ के नियमों का पालन करें। कोई भी वस्तु छूने से पहले अनुमति ले लें और शांति बनाए रखें। यह अनुसंधान केंद्र सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए।
अवधि
पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान परिसर में आप संस्थान द्वारा दी गई निश्चित अवधि तक ही रह सकते हैं।