Gurney House In Nainital Uttarakhand
गुर्नी हाउस : मशहूर शिकारी व लेखक जिम कॉर्बेट की अमूल्य धरोहर

Gurney House In Nainital Uttarakhand : उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित और सन 1881 में बना यह हाउस एक छोटा सा कॉटेज है जो कभी अंग्रेज पर्यावरणवादी , प्रेरणादायक लेखक व कुशल शिकारी जिम कॉर्बेट का निवास स्थान था और आज भी ये उनकी यादों को समेटे हुए है। जिम कॉर्बेट का जन्म 25 जुलाई 1875 को नैनीताल में हुआ था। जिम कॉर्बेट नैनीताल स्थित अपने गर्नी हाउस में रहा करते थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय नैनीताल के इसी घर में बिताया। हालाँकि सन 1947 में देश के आजाद होने के बाद जिम कॉर्बेट अपने गर्नी हाउस को वर्मा परिवार को बेचकर केन्या जाकर बस गए थे। मगर वो नैनीताल को कभी भी अपने दिल से नही निकाल पाये । गर्नी हाउस का निर्माण उनकी मां ने करवाया था। “गर्नी हाउस” का अर्थ होता हैं किसी पुराने मकान के टूटने के बाद उसके ही अवशेषों का उपयोग करके दोबारा किसी नये घर का निर्माण करना। दरअसल सन 1880 में नैनीताल की आल्मा हिल में भूस्खलन हुआ जिसके बाद जिम कॉर्बेट की मां ने सन 1881 में नैनीताल के अयारपाटा स्थित अपने पुराने भवन को तुड़वाकर उसी सामान से नए भवन का निर्माण करवाया। इसीलिए इसका नाम “गर्नी हाउस” दिया गया।
क्या करें
कॉर्बेट से जुड़ी यादों तथा उनसे जुड़े सामान को देखने के लिए आज भी देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। जिम कॉर्बेट के जीवन से जुड़ी कई अहम चीजें आज भी गर्नी हाउस में रखी हैं। आप भी गर्नी हाउस में जाकर जिम कॉर्बेट से जुडे सामान को देख सकते हैं। हालाँकि अब इस घर को एक संग्रहालय के रूप में बदल कर इसका नाम “जिम कॉर्बेट संग्रहालय” रख दिया गया है। इस संग्रहालय में कॉर्बेट के जीवन से जुड़ी यादगार चीज़ें प्रदर्शित हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
आप सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे के बीच यहाँ जा सकते हैं लेकिन फोटो खींचने से पहले अनुमति लें क्योंकि अब यह एक निजी स्वामित्व वाली संपत्ति है जो आज भी कॉर्बेट की विरासत और उनकी चीजों को संजोए हुए है।
अवधि (Duration)
गर्नी हाउस में आप जिम कॉर्बेट की विरासत और उनसे जुड़े सामान को देखने में 2 से 4 घंटे बिता सकते हैं ।