Chauli Ki Jali In Mukteshwar Nainital Uttarakhand
चौली की जाली : जहाँ मनोकामनाओं को पूरा करता है चट्टान में बना एक छेद ।

Chauli Ki Jali In Mukteshwar Nainital Uttarakhand : उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में मुक्तेश्वर एक छोटा सा मगर बेहद शानदार हिल स्टेशन हैं। इसी मुक्तेश्वर में लगभग 2315 मीटर ऊंची एक पहाड़ की चोटी पर प्राचीन मुक्तेश्वर महादेव यानि भगवान शिव का मंदिर स्थित है जहां पर भगवान भोलेनाथ युगों से अपनी तपस्या में लीन है। इस मंदिर में सफेद संगमरमर का शिवलिंग स्थापित हैं। माना जाता हैं कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस शिव मंदिर की स्थापना की थी। मुक्तेश्वर महादेव मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर एक पहाड़ी हैं जिसमें कई छोटे -बड़े चट्टानों का एक समूह है। इन्ही चट्टानों के समूह में से एक बड़े चट्टान में एक बड़ा सा छेद बना हुआ है जहां से आर-पार जाया जा सकता है। चट्टान में बने इसी छेद को “चौली की जाली या चौथी की जाली” कहा जाता है। चट्टानों पर खड़े होकर आप सामने के सुंदर हरे – भरे पहाड़ो के साथ-साथ पहाड़ों में बसे गांवों तथा शानदार सीढ़ी नुमा हरे – भरे खेतों को निहार सकते हैं । यह जगह बहुत ऊंचाई पर स्थित है और सामने विशाल खाई है।
निःसंतान दम्पत्ति की भर जाती है गोद
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के पास से होकर एक छोटी सी पगडंडी चौली की जाली या चौथी की जाली की तरफ जाती है। मान्यता हैं कि शिवरात्रि के दिन या फिर सोमवार के दिन पूर्ण उपवास रख कर अगर कोई निःसंतान महिला इस चौली की जाली यानि चट्टान में बने इस छेद से गुजरते हुए संतान प्राप्ति की कामना करती हैं तो भगवान भोलेनाथ उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। इसीलिये शिवरात्रि के दिन निःसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति की कामना लेकर इस छेद से गुजरती हैं। शिवरात्रि के दिन यहां श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है। वैसे भी यह भूमि शिव की है। यहाँ शिव साक्षात लिंग रूप में विराजमान हैं। इसीलिए माना जाता है कि इस शिवलिंग में सच्चे मन से बेलपत्र और जल चढ़ाने मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मुक्तेश्वर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के साथ-साथ एक धार्मिक पर्यटन स्थल भी है।
क्या करें ?
यहाँ पर स्थानीय लोगों द्वारा कई एडवेंचर्स स्पोर्ट्स कराये जाते हैं। उनका मजा लीजिए। यहां खाने-पीने की दुकानें भी हैं जहां आप मैगी, चाय , पकौड़ी , भुट्टे और कुमाऊंनी व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। रॉक क्लाइम्बिंग , ट्रैकिंग , रेपलिंग का मजा भी ले सकते हैं। अधिक ऊंचाई में होने के कारण इस जगह से आप मुक्तेश्वर की तलहटी में बसे गांवों व सामने की घाटी और पहाड़ साफ देख सकते है। यहां से नजर आने वाली घाटी और हिमालय का विहंगम दृश्य पर्यटकों का मन मोह लेता है। दिलकश सूर्यास्त के नजारे देख सकते हैं। यहां सालभर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। सेल्फी या फोटो लेने के शौकीनों के लिए यह अच्छी जगह हैं।
ध्यान में रखने योग्य बातें
आप यहां मार्च से लेकर जून तक और सितंबर से लेकर दिसंबर तक कभी भी आ सकते हैं। अत्यधिक ऊंचाई में होने के कारण यहाँ का तापमान बदलता रहता हैं लेकिन बहुत अधिक गर्मी नहीं होती हैं। यहाँ मौसम ज्यादातर ठण्डा ही रहता है मगर मई – जून में यहां का मौसम सुहाना रहता है। अगर आप मुक्तेश्वर घूमने आ रहे हैं तो अपने साथ कुछ गर्म कपड़े अवश्य लेकर आएं । अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा व अच्छा क्वालिटी का जूता अपने साथ अवश्य रखें।
अवधि
यहाँ आप अपना सुकून भरा कीमती समय अपने हिसाब से बिता सकते हैं । शांति से बैठ कर प्राकृतिक सौन्दर्य , सुरम्य वातावरण व बर्फीली हवाओं का मजा लीजिए। हिमालय दर्शन कीजिए। कुमाँऊनी व्यंजनों का मजा लीजिए जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।