Victoria Dam Bhimtal Uttarakhand
ब्रिटिश कालीन विक्टोरिया डैम कुशल इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना है

Victoria Dam In Bhimtal Uttarakhand : भीमताल झील के अंतिम छोर पर बना विक्टोरिया डैम हमेशा ही लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है। ब्रिटिश काल में बनाया गया यह डैम कुशल इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना हैं। इस डैम का निर्माण 1884 से 1887 के बीच हुआ था। भीमताल झील आकार में काफी बड़ी व महत्वपूर्ण थी जिस वजह से इस डैम का निर्माण किया गया था। इस डैम को बनाने का मुख्य उद्देश्य गर्मी के दौरान तराई क्षेत्रों में होने वाली पानी की दिक्क्त से निपटना था । आज भी इस बाँँध को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं और काफी पर्यटक इस जगह पर अपना समय बिताना भी पसंद करते हैं । यहाँ से झील बहुत आकर्षक व मनमोहक दिखाई देती है ।
अंग्रेजी के अल्फाबेट S के आकार का बना है डैम
विक्टोरिया डैम का आकार अंग्रेजी के एल्फाबेट (S) के जैसा है। उस समय भीमताल झील के पानी के प्रेशर को हैंडल करने के लिए यही सबसे बढ़िया डिजाइन माना गया जिस वजह से इसे ऐसा आकार दिया गया। इस डैम के निर्माण में मुख्यतः पत्थर और चूने का इस्तेमाल किया गया हैं। इसी कारण यह आज भी काफी मजबूत अवस्था में है। अंग्रेजों ने इस डैम का निर्माण खेतीबाड़ी के मकसद से किया था। यहां से निकलने वाली दो नहरों समीपवर्ती गांवों के खेतों के लिए जीवनदायिनी हैं । किसान इन्हीं नहरों के पानी से अपने खेतों में सिंचाई करते हैं। इसमें से एक नहर यहां से निकलकर हल्द्वानी के गौला नदी मेंं मिल जाती है।
क्या करें
आप इस डैम पर चल सकते हैं और झील व उसके आसपास की पहाड़ियों के शानदार दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
ध्यान में रखने योग्य बातें
बांध में पर्यटकों के बैठने के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए अगर आप वहां कुछ देर बैठना चाहते हैं तो उसकी व्यवस्था करके चलें । हो सके तो ढीले – ढाले सूती कपड़े पहनें । अगर आप भीमताल में एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई Hotel Book कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें।
अवधि
बांध पर आप अपने हिसाब से समय बिता सकते हैं ।